रेवांचल टाईम्स - किसानों के लिए लाए गए कानून में आवश्यक संशोधन और ओबीसी समाज की जाति आधारित जनगणना करने के लिए आज अंजनिया तहसील में ज्ञापन सौंपा गया
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत कृषि प्रधान देश है भारत का किसान धरती का सीना चीर कर लोगों का पेट भरता है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी 3 दिन लगाकर देश के किसानों की गुलाम बनाने के लिये निजी करण का रास्ता अपनाया है इसीलिए देश भर के किसान सड़क पर डरने को मजबूर हो गए हैं वहीं जब हरियाणा पंजाब दिल्ली मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समीर तमाम प्रदेशों के किसान देश की राजधानी दिल्ली पहुंचकर सरकार के किसान बिल के लिये आवाज बुलंद करना चाहते हैं तो केंद्र की सरकार तो उन्हें सरकार के प्रशासन दबाव मारते टूटते हुए उन्हें रोका जा रहा है सीधे तीर केंद्र सरकार के द्वारा लोकतंत्र की हत्या की जा रही है
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