रेवांचल टाईम्स - वन विभाग की मिलीभगत से पेड़ों की अवैध कटाई और छानी जा रही है मलाई अनूपपुर में इन दोनों की जुगलबंदी जनचर्चा का विषय बना हुआ है।
वही सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र अनूपपुर क्षेत्रान्तगर्त स्थित खुटवा के बीट गार्ड और सोडा फेक्ट्री गांधी नगर के एक टेंट हाउस व्यवसाई कुशवाहा की मिलीभगत से खटुवा बीट क्षेत्र में पेड़ों के अवैध कटाई और उसे बेच कर मिलने वाले सिक्कों से मलाई छानने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है यूं कहें तो बीट गार्ड ने टेंट हाउस व्यवसाई को खुटवा बीट के जंगलो के पेड़ों को कटवाने का अघोषित ठेकेदारी का लाइसेंस दे रखा है और टेंट हाउस व्यवसाई को भी ये मलाईदार अवैध धंधा इतना रास आ रहा है कि वो भी न हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा की तर्ज़ पर बीट गार्ड प्रजापति की सह पर अनवरत पेड़ों की कटाई में जुटा है। सूत्रों के मुताबिक अभी-अभी तीन-चार दिनों पहले अमलाई मोहाड़ा आफीसर कालोनी जाने वाले पुरानी सड़क के बगल के क्षेत्र में लगे हुए यूकोलिपटिस के पेड़ को बीट गार्ड प्रजापति की मिलीभगत से कटवाया गया और उससे प्राप्त हुई लगभग दस टन लकड़ी को पिकअप में लोड करवाकर अज्ञात जगह बेंच कर मौज उड़ाई ली गई है। वन संपदाओं का ऐसे ही दोहन करना बीट गार्ड के आदत में सुमार हो चुका है।
खुटवा बीट गार्ड के क्रियाकलाप शुरू से ही विवादित रहे हैं वो कभी जंगल की जमीन को बेच कर लोगो को घर बनाने की स्वकृति दे देते हैं तो कभी जहां से मनमुताबिक पैसे न मिले तो वहां अपना कानूनी चाबुक चलाते रहते हैं जिससे आये दिन विवाद की स्थिति निर्मित होते रहती है और ऐसा भी नहीं है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है कई बार समाचार पत्रों में खबरें छपती है मौखिक शिकायतें भी होते रहती है लेकिन उससे बीट गार्ड को कोई फर्क नहीं पड़ता है वो अपने चसनीदार कार्यो को अंजाम देने में लगे रहते हैं इन सभी बातों पर गौर किया जाए तो वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली भी संदिग्ध नजर आती है क्योंकि बीट गार्ड प्रजापति अपने अवैध कारनामों को अंजाम देते हुए पिछले लगभग एक दशक से इसी खुटवा बीट में ही बड़ी मजबूती के साथ अपनी जड़ें जमाए यहीं पदस्थ है। सूत्र ये भी बताते हैं कि अनूपपुर के वन मंडलाधिकारी अधिकारी जी बीट गार्ड प्रजापति के रिश्तेदार हैं जिसके कारण बीट गार्ड को ये सारी बिंदास व्यवस्थाएं मिली हुई है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीट गार्ड यहां के जंगलों की जमीनों के स्वघोषित जमींदार बन कर बैठ गये हैं यहां बीट गार्ड की हुकूमत और हिटलरसाही पूरे परवान पर है और अवैध वसूली कर अपनी जेब भरने का सिलसिला अनवरत जारी हैं अगर पिछले कई वर्षों की निष्पक्षता से जांच की जाए तो प्रजापति जी के कई कारनामे स्वयं ही सामने आ जाएंगे। अगर अभी लगभग एक वर्ष के अंतराल में देखा जाए तो खुटवा बीट के वन क्षेत्र की रिक्त भूमियों पर अच्छे खासे नये-नये मकानों एवं दुकानों का निर्माण प्रजापति जी की परमीशन व कृपादृष्टि पर हुए हैं। विशवस्थ सूत्रों के मुताबिक यह भी बताया जाता है कि अगर खुटवा के बीट गार्ड प्रजापति की चल-अचल संपत्ति की निषपक्ष जांच करवाई जाए तो अभी हाल ही के कुछ वर्षों में उनकी चल-अचल संपत्तियों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी देखने को मिल जाएगी और ये सारी तरक्की उनको इसी खुटवा बीट पर लगभग दशकों से टिके रहने की ही बदौलत ही मिल रही है और अब तो गांधी नगर के टेंट हाउस व्यवसाई कुशवाहा का साथ मिल जाने और पेड़ो की अवैध कटाई का काम की शुरुआत हो जाने से सोने पे सुहागा हो गया है। और इस पूरे मामले की लोगो ने जाँच की माँग की है।
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