रेवांचल टाईम्स - अवैध कारोबारियों पर पुलिस प्रशासन मौन शहडोल जिले के अमलाई थाना क्षेत्रांतर्गत आने वाली कॉलोनी एवं बस्तियों में सट्टे का अवैध कारोबार कई माह से घड़ल्ले से जारी है। एक का असली बनाने की लालच में पुरुष,महिला, नवयुवक एवं बूढें हर कोई सट्टे के आगोश में समाए जा रहे हैं किंतु पुलिस द्वारा सटोरियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है जिसके कारण यह अवैध धंधा क्षेत्र में फल-फूल रहा है। सूत्र यह बताते हैं कि क्षेत्र में यह अवैध कारोबार नगर पालिका परिषद धनपुरी के एक पार्षद और एक पार्षद पति के संरक्षण में चल रहा है और दोनों ही महीने में लाखों की कमाई कर रहे हैं और सट्टा खेलने वाले बर्बाद होते जा रहे हैं। सट्टे को सामाजिक बुराई माना जाता है और इस बुराई को खत्म करने के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए लेकिन जब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ही इस सामाजिक बुराई का पोषण करने में जुटे हो फिर यूं कहें कि रक्षक ही भक्षक बन गए हो तब और क्या कहा जा सकता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र का एक पार्षद का परिवार पूर्व से ही सूदखोरी के धंधे के लिए चर्चित रहा है और उसके तमाम और भी धंधे हैं वहीं दूसरी ओर पार्षद पति का इसी क्षेत्र में होटल का चलता हैं और इस होटल की आड़ में सट्टे का अवैध कारोबार भी किया जा रहा है। पूर्व में एक रसूखदार कांग्रेस के नेता के गुर्गे के रूप में काम करने वाला शख्स देखते ही देखते आज पुलिस की हमजोली की बदौलत आज कोयलांचल में सट्टे के कारोबार का बेताज बादशाह बन गया है। जब क्षेत्र में नए प्रभारी के रूप में युवा थाना प्रभारी की पदस्थापना हुई तब क्षेत्र में ऐसी चर्चा रही कि अब क्षेत्र में अवैध कारोबार पर विराम लग जाएगा क्षेत्र के बहुत से घर जो सट्टे और जुएं से बर्बाद हो गए हैं या बर्बाद हो रहे हैं उनमें एक आस जगी की हमारे क्षेत्र में अब अवैध कार्यों पर लगाम लगेगी लेकिन वर्तमान में इसका ठीक उल्टा देखने को मिल रहा है और लगभग सभी प्रकार के अवैध कारोबार क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं। गली-गली अवैध शराब की बिक्री भी हो रही है और अवैध रूप से अहाता का संचालन भी किया जा रहा है। धनपुरी नंबर 3, रेलवे कॉलोनी, बकहो, ईटा भठ्ठा, झगरहा बस्ती के अलावा अनेक क्षेत्रों में जगह-जगह सट्टे की पर्ची भी काटी जा रही है और सट्टा माफिया के लोगों द्वारा हाईटेक ढंग से मोबाइल में सट्टे की बुकिंग ली जा रही है और यदि कोई बुद्धजीवी इस मामले को उठाता है तो खाना पूर्ति के रूप में पुलिस प्रशासन छोटी मछलियों को पकड़कर मामूली दिखावटी कार्यवाही कर छोड़ दिया जाता हैं लेकिन मुख्य आरोपियों के सिक्को की खनक के आगे प्रशासन भी मजबूर जान पड़ता है।
इनका कहना है
अभी उनके चार सटोरियों को हम जिला बदर पेश कर दिए हैं। जब सूचना मिलती है तो पकड़ते है केस भी बनाते हैं।
थाना प्रभारी अमलाई
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