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Saturday, November 11, 2023

समस्याओं से तंग नागरिकों में बढ़ रहा दिनोंदिन आक्रोश या समस्या सुलझाई जाये या फिर प्रशासनिक परिवर्तन किया जाये


रेवांचल टाईम्स - मण्डला, मप्र के आदिवासी बाहुल्य मण्डला जिले में समस्याओं का ग्राफ दिनोंदिन कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। ढेर सारी समस्याएं इस जिले में हैंए जिनका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है यह शोध का विषय हो गया है। फर्जी तरीके से स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ग्रामों को ओडीएफ किया गया है। भारी फर्जीवाड़ा होने के बाद भी इस मिशन के अंतर्गत कराये गये कार्यों की जाँच नहीं की जा रही है। शौचालय जो पहले बने थे वे बरबाद हो गये हैं, जिनकी मरम्मत नहीं की जा रही है। नये शौचालयों का निर्माण नही किया जा रहा है। सही तरीके से स्वच्छ भारत मिशन का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। राष्ट्रीय शिशु ग्रह पालना केंद्र की कार्यकर्ताओं को वेतन व पोषण की राशि सरकार से अनुदान न मिलने से नहीं मिल पा रही है। कई वर्षों से सरकार इन केंद्रों को अनुदान नहीं दे रही है। साक्षर भारत मिशन के प्रेरकों को लंबित वेतन की राशि प्रदान नहीं की जा रही है। इन्हें नियमित भी नहीं किया जा रहा है। मिड डे मील के स्व-सहायता समूह व रसोईयों को राशि का भुगतान करने में गड़बड़ी की जा रही है। नियमों को ताक में रखकर चल रहे स्टोन क्रेशरों को बंद नहीं किया जा रहा है। ओवर लोड खनिज सामग्री का परिवहन करने वाले डम्परों को बंद नहीं किया जा रहा है। सबसे बड़ी लूट खनिज सम्पदा की मण्डला जिले की तहसील नैनपुर के ग्रामों में किये जाने की चर्चा है। देवरी, परसवाड़ा, गजना, पाठा सिहोरा, चिचौली चरगांव, खुर्सीपार, बंजाराटोला, सुभरिया, सर्रा चौराहा सहित अनेक ग्रामों में चल रहे स्टोन क्रेशरों को बंद नहीं किया जा रहा है। इसी क्षेत्र में ओवरलोड डमपर चल रहे हैं। सूत्रों की माने तो प्रशासनिक सांठ-गांठ से स्टोन क्रेशर अवैध तरीके से चल रहे हैं। मण्डला जिले में रोजगार का टोटा बना हुआ है। अधूरे कामों को पूरा नहीं किया जा रहा है। पेयजल की समस्या आखिरकार नहीं सुलझाई जा रही है। सड़कों की हालात खस्ता हो गई है। बिजली का गुल होना बंद नहीं हो रहा है। ग्राम पंचायतों में मनमानी चरम पर पहुंच गई है जिसे नियंत्रित नहीं किया जा रहा है। उद्योग पर्यटन विकास में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अवैध कारोबार बंद नहीं किये जा रहे हैं। सीएम हेल्पलाईन व जिला स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में की गई शिकायतों के निराकरण में भारी गोल माल किये जाने की चर्चा जोरों पर चल रही है। शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बिना कई शिकायत बंद कराने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, गंदगी, बीमारी, धांधली, निरक्षरता सहित जनहित के कई मुद्दों के बुरे हाल हैं। शासन प्रशासन को लगातार इस आशय की खबर प्रकाशित कर ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है इसके बाद भी बहरा, गूंगा और अंधा प्रशासन के ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है। जनापेक्षा है या तो समस्याओं का निराकरण कराया जाये या फिर प्रशासनिक परिवर्तन कर समस्याओं के निराकरण की परिणामकारी पहल शासन द्वारा शीघ्र शुरू की जावे।

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