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Thursday, November 2, 2023

समरसा पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट नैनपुर में छात्राओं के भविष्य कर रहा खिलवाड़ बिना भवन और आओ प्रशिक्षित शिक्षक पढ़ा रहे है। मेडिकल की पढ़ाई...



रेवांचल टाईम्स - मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में प्रशासन का किसी को न भय है और न ही कानून का डर नजर आ रहा हैं जिले के मुखिया हो या प्रदेश के मुखिया जो आदेश निकाले पर इनके अधीनस्थ कार्य कार्य जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी उनके आदेशो को अपने ठेंगे में लेकर कार्य कर रहे है और विभाग में सालों से अंगद की पैर की तरह जमे बाबू तो नियम और कानून व्यवस्था को तो चौपट कर दिए है और क़ानून व्यवस्था की बात करे तो कुछ इस तरह की हो चुकी है कि अंधे पिसे और कुत्ते खायें, जिले में शिक्षा विभाग के कार्यों का बखान जितना करे उतना कम होगा शिक्षा का स्तर दिन व दिन गिरता ही जा रहा है।

       वही जानकारी के अनुसार नैनपुर में संचलित समरसा पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट  छात्राओं के भविष्य कर रहा खिलवाड़ जिसकी शिक्षा विभाग के अधिकारी को भी हो चुकी हैं। लिखित शिकायत मगर कार्यवाही नही होना बड़ा सवाल खड़ा पैदा करता है।

         वही पूर्व की प्रदेश सरकार ने शिक्षा का स्तर बढ़ाने में जमकर बेटी बचाओ मे बेटी पढाओ का नारा दिया था।मगर उस नारा की हवा कहो या जिले के अधिकारियों और समरसा पैरामेडिकल कालेज नैनपुर के द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर हवा निकल दी है। वही दूसरी तरफ आदिवासी जिले मे छात्राओ के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।  कालेज में क्या पढ़ाई होती है। उसके प्राचार्य कौन है। कौन शिक्षक है। उनकी कितनी योग्यता क्या किसी को नही पता है। पर पैरा मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्रा ही शिक्षक बन गई है। ये गोपनीय सूत्रों से जानकारी मिली है। वही नैनपुर नगर के ग्राम निवारी मे संचालित पैरामेडिकल कालेज के द्वारा और जिम्मेदार विभाग की अनदेखी के चलते नियमों की सरेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है। जबकि नैनपुर में संचालित समरसा पैरा मेडिकल जो कि मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा एवं मध्य प्रदेश शासन भोपाल से मान्यता प्राप्त संस्था है। वही कालेज प्रबंधन के द्वारा कालेज संचालन का बोर्ड नही लगाया गया है। जिससे साफ होता है, की कालेज प्रबंधन गोपनीयत से कालेज का संचालन कर रहा है आखिर क्यों कर रहा है। जोकि आपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है। 


सूचना के अधिकार अधिनियम में जानकारी नहीं देता कालेज प्रबंधन


समरसा पैरा मेडिकल कालेज और उसके प्रबंधक नियम कानून की खुल धजिया उड़ा रहे है। और सूचना के अधिकार में कोई जानकारी की मांग की जाती है। तो आवेदन लेने से मना कर दिया जाता है। जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के मिडिया प्रभारी संजय कुमरे द्वारा कालेज प्रबधन से सूचना के अधिकार अधिनयम के तहत जानकारी मागी गई तो कालेज प्रबंधन के द्वारा R.T.I  का आवेदन लेने से मना कर दिया गया जिससे साफ होता है। नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। ऐसे में सवाल यह उडता है। की समरसा पैरामेडिकल ट्रस्ट से संचालित है। जिससे जानकारी नहीं देना पड़े यह भी सवाल खड़ा करता है। 


कॉलेज प्रबंधन के छात्र/छात्राओं से ले रहा है। अधिक फीस


      वही जब इस सम्बंध में छात्रा का कहना है और सूत्र भी ये बतलाते है, कि कालेज प्रबंधन अध्ययन कर रहे छात्र छात्राओं से शासन की तय सीमा से अधिक फीस वसूल रहै है। ओर जब छात्र और छात्रा अगर फीस की जानकारी माँगती है तो चुप रहने के लिऐ कहा जाता है। ऐसे मे सवाल खड़ा होता है। कि समरसा पैरामेडिकल कालेज मन मुताबिक फीस और शासन के नियमों को ताक में रखकर काम किया जा रहा है। क्योंकि कालेज प्रबंधन जानता है। की आदिवासी क्षेत्रो मे कोई जांच नही होती है। और सब नोटो के आगे मौन हो जाते है इसलिए कालेज प्रबंधन अपनी मनमानी करते हुए कॉलेज का संचालन कर रहा है।


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