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Sunday, November 19, 2023

धर्मगुरूओं की उपस्थिति में यज्ञ शाला का हुआ भूमिपूजन..17 दिसंबर से अष्टलक्ष्मी महायज्ञ का होगा आयोजन


रेवांचल टाईम्स - मण्डला जिला मुख्यालय के देवदरा मार्ग स्थित मेहर बाबा कुटी प्रागंण में 17 दिसंबर से 25 दिसंबर तक आयोजित श्री अष्टलक्ष्मी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन को लेकर रविवार को यज्ञशाला के निर्माण हेतू भूमि पूजन किया गया। यज्ञ संयोजक नीलू महाराज, साध्वी कल्पना माता, संत शारदात्मानंद जी महाराज, रामदास जी महाराज, सच्चिदानंद जी महाराज सूर्य मंदिर नावघाट, योगी रामेश्वरम नाथ जी महाराज, सच्चिदानंद जी महाराज सहस्त्रधारा एवं प्रधान यजमान श्रीगोवर्धन प्रसाद अग्रवाल एवं श्रीमति हेमलता अग्रवाल एवं अन्य यजमानों व भक्तों की उपस्थिति में भूमिपूजन किया गया। यहां पं. शिवम दुबे के द्वारा वैदिक मंत्रो से पूजन अर्चन कराया गया। भगवान श्रीकृष्ण व वीर हनुमान की पूजन अर्चन के साथ यज्ञ शाला के लिए भूमिपूजन हुआ। इस अवसर पर यज्ञ आयोजक नीलू महाराज ने उपस्थित धर्मप्रेमियों को बताया कि श्री अष्ट लक्ष्मी महायज्ञ में ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को आमंत्रण दिया गया है। उन्होंने आनंद पूर्वक यज्ञ सम्पन्नता का आशीर्वाद प्रदान करते हुए यज्ञ में अपनी उपस्थिति का विचार सम्प्रेषण किया है। इस महायज्ञ में अनंत श्री सम्पन्न श्री जगदगुरू शंकराचार्य महाभाग स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ज्योतिष बद्रिकाश्रम पीठाधीश्वर का आगमन होने जा रहा है। जिन्होंने यज्ञ में शामिल होने की अनुमति दी है। मण्डला में पहली बार दो-दो शंकराचार्यो का एक साथ आना महज संयोग है। वहीं तीसरे प्रमाणित पीठ पर प्रतिष्ठित शंकराचार्य को लाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां बीते दिनों पहले श्रीअष्ट लक्ष्मी यज्ञ को लेकर मेहर बाबा कुटी यज्ञ स्थल में ध्वज स्थापित कर किया गया है। इस यज्ञ शाला के अंदर के कलशों में 35 पवित्र नदियों का जल एवं चार समुद्रों का जल एवं 24 तीर्थों की मिट्टी छोड़ी जायेगी जिनमें नैमिसारन्य, काशी, वृंदावन, चारों धाम, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम, द्वारिका, बद्रीका धाम, हरिद्वार, रेवा सागर संगम पुष्कर की मिट्टी प्रमुख हैं। जो यहां यज्ञ के दौरान देखने को मिलेगी। बता दें कि यह यज्ञशाला वैदिक पद्यति से निर्मित होगी। 9 कुंडीय यज्ञ शाला में पूर्व द्वार पर शंख दक्षिण द्वार पर चक्र पश्चिम द्वार पर गदा एवं उत्तर द्वार पर कमल स्थापित किया जायेगा। वहीं खंभात की खाडी गुजरात से लाए गये अति विशिष्ट श्रीयंत्र का मान सरोवर से लाए गये श्रीयंत्र का अभिषेक होगा और रवि पुष्य योग रविवार से श्रीयंत्र का नित्य अर्चन प्रारंभ हो जायेगा जो यज्ञ पर्यन्त चलेगा। अष्टलक्ष्मी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत महापुराण यज्ञ में जिस गौर गणेश का पूजन होगा यह गौर गणेश की गोबर की मूर्ति भारत की सबसे बड़ी गौशाला जडखोर राजस्थान की गौशाला से लाई गई है यह गौशाला श्रीकृष्ण की नित्य गौ चरण स्थली है। जहां पर 40 हजार गौवंश है। सप्त मृतिका में उपयोग होने वाली गौ रज श्री सूर श्याम गौ शाला चंद्र सरोवर गोवर्धन उत्तर प्रदेश से लाई गई है। चंद्र सरोवर गोवर्धन से जल और मिट्टी लाई गई है यहां चंद्रमा का प्राकट्य हुआ था। साथ ही मानसी गंगा का जल और श्री राधा कुंड का जल गोवर्धन परिक्रमा मार्ग से लाया गया है। शोभायात्रा में राजा होंगे शामिल छत्तीसगढ की कवर्धा विरासत के वर्तमान राजा योगेश्वर राज जो भूतपूर्व 2 बार के विधायक भी रहे हैं आप श्री शोभायात्रा में शामिल होंगे। अद्भुत होगी नवग्रह बाटिका सूर्य ग्रह के उत्पत्ति स्थल कोणार्क उड़ीसा से मिट्टी लाकर अकोना का पौधा लगाया गया है। चंद्र की उत्पत्ति चंद्र सरोवर परसोली गोवर्घन से मिट्टी लाकर पलास का पौधा लगाया गया है। मंगल की उत्पत्ति मंगलनाथ उज्जैन में हुई जहां से मिट्टी लाकर खैर या गुडहल का पौधा लगाया जायेगा। बुध के लिए बोध गया से मिट्टी लाकर अपामार्ग का पौधा लगाया गया है। गुरु के लिए सिंधु या गुरुग्राम से मिट्टी लाकर पीपल का पौधा लगाया गया है। शुक्रके लिए भोजकट गुजरात से मिट्टी लाकर गूलर का पौधा लगाया गया है शनि के लिए सिगनापुर से मिट्टी लाकर शमी का पौधा लगाया गया है। राहु और केतु के लिए उज्जैन से मिट्टी लाकर दूब और कुश के पौधे लगाए गये हैं।


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