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Sunday, October 8, 2023

डिप्टी कलेक्टर मंडला को मिला सहायक आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार.. किये गए योजनाओं भ्रष्टाचार की कि जायेगी जॉच...

 




डिप्टी कलेक्टर मंडला को मिला सहायक आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार.. किये गए योजनाओं भ्रष्टाचार की कि जायेगी जॉच...

रेवांचल टाईम्स - मंडला, आदिवासी बाहूल्य जिला मंडला के आदिवासी जनजातीय कार्य विकास विभाग जो काफी सालों से किये जा रहे भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता जा रहा है, तत्कालीन सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला जो कि भ्रष्टाचार के पितामह के नाम से जाने जाते है, आदिवासी जिले में उन्होंने जो किया है वह इस जिले के न जनप्रतिनिधि भूल पाऐगे और न ही जनता भूल पायेगी उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की कहानी सुनकर रूह कांप जाती है मामा और भांजे ने मिलकर इस जिले को भ्रष्टाचार का चारागाह बना कर भोलेभाले ग्रामीण आदिवासियों को मिलने वाली योजनाओं में खुलेआम डाला और लूट मचा दी पर किसी ने उन्हें रोकने की हिम्मत नही जुटा सकी और मामा भांजे ने स्कूलों से लेकर छात्रावास में खरीदी, निर्माण कार्य, और अन्य खरीदी में इतना भ्रष्टाचार किया कि  हद पार कर दिया मामा के ऊपर लोकायुक्त ने छापा मार कार्यवाही की तब जाकर इस जिले वासीयो को भ्रष्ट आयुक्त महोदय से छुटकारा मिल पाया और वर्तमान में त्रिस्तरीय चुनाव में भांजे तो चुनाव हार के भी जीत कर किसी कौनटे में रह कर रेत चोरी कर सप्लाई कर रहे है, और अपने गाँव के आसपास की ग्राम पंचायतों में अपना रॉब दिखा कर छोटे मोटे कार्यो की ठेकेदारी कर रहे है।
          वही वर्तमान में सहायक आयुक्त के पदस्थ पर आसीन विजय तेकाम ने भी भ्रष्टाचार के पितामह कहे जाने वाले संतोष शुक्ला के नक्से कदम में चलते हुए उन्हें अपना गुरु मान कर भ्रष्टाचार की राह में चलना शुरू कर दिया थे वही बीते कुछ दिनों से उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की काफ़ी सुर्ख़िया मीडिया और जनता में उनके काम काज को लेकर चर्चित रही चाहें वह शिक्षकों के स्थांतरण को लेकर हो यह फिर विभाग से जारी निर्माण कार्यों को लेकर हो हर जगह केवल और केवल भ्रष्टाचार कमीशन ख़ोरी खुलेआम काम के बदले कमीशन माँगी जा रही थी और लम्मे समय से एक ही जिले में पदस्थ होने से सांसद विधायको के कृपा पात्र बन गए, और इन माननीय के चहेतो करीबियों कार्यकर्ताओं को खुला लाभ पहुँचा जा रहा था इनके चहेतो को बस्ती विकास के पुल पुलिया सी. सी. सड़क और छात्रावास के मरम्मत कार्य जो हमेशा ही सुर्खियों में रहे, जिनमे सरकारी धन की होली कैसे खेलते है कोई इस विभाग के जिम्मेदारो से सीखें कि भ्रष्टाचार कैसे और कब करना है और किये गए भ्रष्टाचार से कैसे बचना है ये खेल सालों से चले आ रहे और जिलों को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए जिले की मुखिया जो एक ईमानदार आई ए एस है और अपने कर्त्तव्यों सही निर्वाहन और सही गलत का फैसला लेकर मौके में ही कार्यवाही करने वाली कलेक्टर ने आए दिन विभागों में बैठें जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी की कार्य प्रणाली को समझ कर पहले उन्हें समझाया डाटा पर अपनी आदतों से बाज नही आ रहे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारीयो को दिए गए आदेशों को कड़ाई से पालन करने के आदेश भी दिए पर गैरजिम्मेदाराना अधिकारी कर्मचारी अपनी आदतों से बाज नही आ रहे है तो कार्यवाही शुरू हुई।
       वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के आदिवासी जनजाति कार्य विकास विभाग में पदस्थ विजय तेकाम को उनके पद हटाते हुए डिप्टी कलेक्टर एल एस जागेठ को कलेक्टर महोदया मंडला ने सहायक आयुक्त का प्रभार दिया है, वही वर्तमान में सहायक आयुक्त को परियोजना प्रशासक आदिवासी एकीकृत विभाग का प्रभार सौपा गया है, डिप्टी कलेक्टर जिन्हें सहायक आयुक्त का प्रभार सौपा गया है, और उनसे कलेक्टर ने जांच की उम्मीद की  है कि जो वर्तमान तक विभाग में अनिमित्ताये हुई है जैसे कि पहला, कुल विभाग में अतिसेश शिक्षक की संख्या दूसरा, जिले में संचालित सभी हॉस्टल की जांच तीसरा, विभाग में स्पोर्ट्स गतिविधि में खर्च राशि में हुए बंदरबाट की जांच को लेकर कलेक्टर ने ये जिम्मेदारी सौपा है,।
       वही मध्य प्रदेश सरकार से शासकीय भवन हॉस्टल स्कूलों में जो कि सहायक आयुक्त विभाग मंडला के अंतर्गत आने वाले है उनके लिए आवंटित राशि में हो रहे निर्माण कार्य एवं सुधार कार्य की जांच के लिए अतिरिक्त तकनीक टीम का गठन कर जांच होना नितांत आवश्यक है, चौथा, अतिथि शिक्षकों की भर्ती में हुई अनियमितताओं की जांच पांचवा, सहायक आयुक्त कार्यालय में वर्षो से पदस्थ बाबू का स्थानांतरण अन्य ब्लॉक में किया जाना नितांत आवश्यक है जिससे विभाग में हो रहे भय मुक्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके छठा, एकलव्य स्कूल मुख्यमंत्री सनराइज स्कूल और मॉडल हाई स्कूलों में जिन ठेकेदारों के द्वारा कैंटीन का और अन्य सामग्री का सप्लाई की जा रही है उनकी जांच भी आवश्यक है, क्योंकि संपूर्ण सहायक आयुक्त कार्यालय भ्रष्टाचार की चपेट से लिपटा हुआ है, कलेक्टर महोदया जी के निर्णय उपरांत लोगों ने उम्मीद की है कि शायद डिप्टी कलेक्टर महोदय के आने के बाद बिंदु बार जांच की जाएगी और ग्रामीण जनता कलेक्टर महोदया से भी उम्मीद कर रही है कि पिछले चार वर्षों से ग्राम पंचायतों में जो बस्ती विकास योजनाओं से जो भी निर्माण कार्य हुए है उसकी भी जांच की जाए क्योंकि कमीशन ख़ोरी के चलते ग्राम पंचायत को जो कार्य मिलने चाहिए वह विधायक और सांसद के चहेते ठेकेदारों ने लिया और उन कार्यो को लीप पोत कर गुणवत्ताहीन कार्य किया और जहाँ कार्य की आवश्कता नही थी वहा पर पुल पुलिया सड़क बना कर राशि का आहरण कर लिए और जो निर्माण एजेंसी है, वह डर के कारण चुपचाप बैठी देख रही है। मंडला जिले समस्त ग्राम पंचायतों में विगत कुछ वर्षो में खुलकर ठेकेदारी की जा रही है, जनता कलेक्टर महोदया से उम्मीद कर रही है कि आदिवासी मंडला जिले में ग्राम पंचायतों से ठेकेदारी प्रथा भी बन्द की जाए जिससे कि भ्रष्टाचार कमीशन खोरी पर अंकुश लग सके और सालों से दफ्तरों में बेठे भ्रस्ट बाबू का भी स्थांतरण हो जिससे कि ग़रीबो को कुछ राहत की सांस जीने को मिल सके।


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