एक ही छत के नीचे गम्भीर से गम्भीर बीमारियों को ठीक करने का दावा किया जाता है, ब्लड सेम्पल, शुगर जांच, कैंसर जैसी बीमारी का इलाज हो रहा है यहां पर...
रेवांचल टाईम्स - मण्डला आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का फायदा फर्जी और झोला छाप (डॉक्टर्स) उठाते हुये यहां पर बिना डिग्री के एलोपैथी पद्धति से मरीजों का उपचार धड़ल्ले के साथ बड़े बड़े बोर्ड,बैनर, गम्भीर से गम्भीर कैंसर जैसी बीमारियों को ठीक करने का दावा रहे है, यही नहीं यहां पर चारों तरफ गांव - गांव बैठे फर्जी और झोला छाप डाक्टरों के द्वारा अपनी क्लीनिकों में एक ही छत के नीचे ब्लड सेम्पल, शुगर की जांच, मलेरिया बीमारी का सेम्पल और तो कैंसर जैसी गम्भीर से गम्भीर बीमारी को ठीक करने का दावा यहां पर किया जाता है इसकी एवज में भारी भरकम फीस ली जाती है, एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से पूरा इलाज कर महंगी महंगी अंग्रेजी दवाइयां हाई पावर ,बड़ी संख्या में दी जाती है। एक बार व्यक्ति आता है तो उसे इलाज के नाम पर लूटा जाता है।
यहां पर टाटरी, इन्द्री, मोचा, मुगदरा, बम्हनीबंजर, पिण्डरई,डिठौरी, पाला सुन्दर ,पाटसिहोरा, जारगी, खुर्सीपार, निवारी,नैनपुर,गोझी,केरेगांव,चीचगांव, चिरईडोंगरी ,ग्वारा,महाराजपुर, अंजनिया,ककैया,सिलगी, जैसे और भी बहुतायत ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टर्स, बंगाली डाक्टर क्लीनिको में मरीजों का बॉटल,ब्लड,तरह तरह की इंजेक्शन तक लगाया जाता हैं। बिना डिग्री के एलोपैथी इलाज से मरीज की जान तक ले लेते हैं,इसकी बानगी गांवों जाकर कहीं पर भी देखी जा सकती है । लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार शासकीय तंत्र के द्वारा इस पर ध्यान नही दिया जा रहा है। यहां जांच एवं उच्चस्तरीय कानूनी कार्यवाही की मांग लगातार की जा रही है, किन्तु ग्रामीणों की सिकायतो को दबा दिया जाता हैं और यहां पर बैठे झोला छाप डाक्टरों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिला कलेक्टर मण्डला के निर्देशों के पश्चात भी संबंधित विभाग यहां पर फर्जी और झोला छाप डाक्टरों के खिलाफ आज पर्यन्त कोई भी सख्त कानूनी कार्यवाही नहीं कर रहा है जिससे इनके हौसले बुलंद दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीण अंचलो मैं निवासरत अधिकांश व्यक्तियों ने मीडिया को बताया है कि झोलाछाप डॉक्टर्स के द्वारा मरीजों का उपचार क्लीनिक खोलकर किया जा रहा है। यहां डॉक्टर्स के पास ऐलोपैथी में कोई डिग्री नही है ना ही जिला अस्पताल से अधिकृत पंजीयन भी नहीं है,इसके बावजूद वे यहां पर बैखौफ,निडर होकर धड़ल्ले के साथ सभी गम्भीर से गम्भीर बीमारियों का इलाज कर रहे है। इतना ही नहीं, इनके द्वारा क्लीनिक से ही दवाएं दी जा रही हैं। यहां मरीजों को भर्ती तक किया जा रहा है। मरीजों को वॉटल चढ़ाकर मनमानी फीस वसूली जा रही है। केस बिगड़ जाने की स्थिति में फिर सरकारी अस्पताल भेज दिया जा रहा है। जिससे यहां मरीजों को समस्या का सामना करना पड रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी वजह से मरीज झोलाछाप डॉक्टर्स के पास उपचार के लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टर्स की क्लीनिक की जांच नहीं की जा रही है। यहां डॉक्टर्स की डिग्री, दवा विक्रय का लाइसेंस, फार्मासिस्ट का पंजीयन नहीं देखा जा रहा है। जिसके कारण झोलाछाप डॉक्टर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं बदस्तूर आर्थिक शोषण जारी है। यहां मरीजों के साथ मनमानी लूट भी की जा रही है ।
विभाग जारी कर चुका है निर्देश : झोलाछाप डॉक्टर्स पर कार्यवाही को लेकर सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा निर्देश बीएमओ को जारी किए गए है। लेकिन बीएमओ के द्वारा आदेश जारी होने के बाद आज तक कोई जांच नही की गई है। जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ही झोलाछाप डॉक्टर्स के क्लीनिक चला रहे हैं, क्षेत्र के बीएमओ भी मरीजों की जान से हो रहे इस खिलवाड़ पर चुप्पी साधे बैठे हैं, जबकि इसे रोकना उनकी जिम्मेदारी है।।
वह जब इस संबंध में जब डॉ सरोते मुख्य स्वाथ्य एवम चिकित्सा अधिकारी से बात हुई तो आपका कहना था कि जानकारी प्राप्त हुई है यथाशीघ्र कार्यवाही कराई जाएगी ।
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