खुलेआम नियम विरुद्ध चल रहे है मधुरम रेस्टोरेंट को प्रशासन आखिर कब बंद करवा पाएगा। नोटिश के बाद भी नही पड़ा कोई फर्क.... - revanchal times new

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Thursday, October 26, 2023

खुलेआम नियम विरुद्ध चल रहे है मधुरम रेस्टोरेंट को प्रशासन आखिर कब बंद करवा पाएगा। नोटिश के बाद भी नही पड़ा कोई फर्क....




रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य  जिले की बात की जावे तो यहां पूंजी पतियों ने अपने अवैध धंधे का संचालन पूरी दिलेरी और खुलेआम नियमो को ताक में रख कर संचालित कर रहे हैं, जिम्मेदार विभाग प्रशासन को तो उन्होंने अपनी जेब में रखा हुआ है राजनीतिक पार्टियों से भी इनके दोस्ताना और मधुर संबंध है,  जिसके चलते इनके ऊपर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती है । अब मामला है मंडला जिले के मशहूर प्रतिष्ठान मधुरम मूवर्स और  पैकर्ष की बात की जावे तो इसके संचालक को उद्योग लगाने के लिए उद्योग विभाग द्वारा लीज में शासकीय भूमि बहुत ही कम दामों में दी गई है, पर इनके द्वारा मूल उद्योग स्थापना के विरुद्ध अनैतिक रूप से रेस्टोरेंट का संचालन किया जा रहा है जिसकी शिकायत जिला उद्योग विभाग को की गई थी पर उद्योग विभाग द्वारा शिकायत की परीक्षण के उपरांत यह पाया गया कि यह रेस्टोरेंट लीज कणिकाओं के विरुद्ध संचालित है जिसके तहत इन्हें विभाग द्वारा नोटिस दिया गया था कि आप तत्काल प्रभाव से रेस्टोरेंट का संचालन बंद कर विभाग को सूचित करें यह नोटिस 17 मई 2023 को दिया गया था इस नोटिस का प्रभाव का मधुराम के संचालक के ऊपर कोई असर हुआ न ही इन्हें कोई फर्क पड़ा बल्कि विभाग के नोटिश के बाद भी आज तक बाकायदा यह रेस्टोरेंट संचालित है यदि मंडला जिले की बात की जावे तो यहां जो भी शासकीय योजनाओं का फायदा केवल और केवल पूंजी पतियों द्वारा ही उठाया जा रहा है मधुराम के संचालक को एक नहीं बल्कि उद्योग विभाग द्वारा बिंझिया और देवदरा में दो दो जगह इन्हें उद्योग संचालक के लिए कौड़ियों के भाव में जमीन आवंटित की गई है देवदरा क्षेत्र में मिठाई निर्माण का कार्य किया जा रहा है जो वास्तव में संचालित है वहीं दूसरी तरफ बिंझिया में औद्योगिक क्षेत्र में शोरूम खोल कर उद्योग विभाग के नियमों का मजाक उड़ाया जा रहा है ऐसा नहीं है कि विभागीय अधिकारियों को उनके कृत्य का पता ना होगा मगर कहते हैं ना की पैसा बोलता है इसीलिए सारे अधिकारियों का मुंह इनके सामने बंद रहता है।

        वहीं जिले में लाखों की संख्या में बेरोजगारों की फौज खड़ी है जब यह बेरोजगार उद्योग विभाग के चक्कर लगाते हैं तो उन्हें मंडला औद्योगिक क्षेत्र में जमीन न होने की बात कहकर भगा दिया जाता है मगर दूसरी तरफ लीज कंडिकाओं के विरुद्ध संचालित इन उद्योगों पर नोटिस देकर ही विभाग शांत क्यों हो जाता है इनकी लीजिए निरस्त क्यों नही की जाती है यह मंडला जिले की मुखिया कलेक्टर को सोचना चाहिए एक ही परिवार के दो सगे भाइयों को औद्योगिक भूमि में औद्योगिक स्थापित करने के लिए भूमि आवंटित क्यों की गई यह भी एक सोचनीय विषय है क्या मधुरम रेस्टोरेंट बंद हो पाएगा क्या इनकी लीज निरस्त हो पाएगी या नहीं शायद नहीं में ही जवाब आएगा क्या मंडला के बेरोजगारों को इसी तरह ही भटकना पड़ेगा या इनके उद्योग में अपनी जिंदगी व्यतीत करना पड़ेगा क्या वह अपने सुनहरे भविष्य को देख पाएंगे या प्रशासन कोसते हुए अपने उज्जवल भविष्य को बर्बाद होते हुए देखेंगे। और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और विभाग केवल चंद नोट वालो के सामने अपनी दुम ही हिलाते रहेंगे और बेचारे गरीब बेरोजगार ऐसे ही अपनी जीवन बर्बाद करेंगे ।

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