दैनिक रेवांचल टाइम्स - आदिवासी बाहुल्य जिले डिंडौरी में नियम कायदों को ताक में रखकर सीएम राइज स्कूल भवनों का निर्माण किये जाने का मामला सामने आया है। करोड़ों रूपये की लागत से बन रहे सीएम राइज स्कूल भवनों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है। बजाग विकासखंड के सुकुलपुरा गांव में मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम द्धारा करीब 22 करोड़ रूपये की लागत से सीएम राइज स्कूल भवन का निर्माण किया जा रहा है जिसमें खुलेआम घटिया रेत से छत की ढलाई की जा रही है तो वहीं निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है। बिना सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों से किस तरह खतरनाक जगहों पर काम कराया जा रहा है। खास बात यह है मौके पर मौजूद जिम्मेदार सब इंजीनियर से घटिया रेत एवं मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल किया गया उनका जवाब गोलमोल था वही करंजिया विकासखंड के अंतर्गत मोहतरा ग्राम में भी करीब 25 करोड़ रूपये की लागत से पुलिस आवास निगम विभाग के द्धारा सीएम राइज स्कूल भवन का निर्माण कराया जा रहा है जहां बिना रायल्टी के खनिज का इस्तेमाल किया जा रहा है एवं नियम कायदों को ताक में रखकर निर्माण कराया जा रहा है। जिलापंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने सीएम राइज स्कूल भवनों के निर्माण में अफसरों पर ठेकेदार से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए जांच कराने का आश्वासन दिया है तो वहीं स्थानीय विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश सरकार की महत्वाकांछी योजनाओं में से एक सीएम राइज स्कूल है जिसके लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब आदिवासी छात्र छात्राएं बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ही सरकार की इस योजना पर पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं।
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