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Saturday, October 7, 2023

मुख्यमंत्री और स्थानीय सांसद मंत्री द्वारा बबलिया कार्यक्रम में लिफ्ट सिंचाई की घोषणा मात्र छलावा , सिंचाई परियोजना में निवास विधानसभा की उपेक्षा


दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला इसी वर्ष 27 अप्रेल को शिवराज सिंह चौहान ने अपने बबलिया प्रवास के दौरान सिंचाई हेतु नर्मदा जल की मांग निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले के प्रतिनिधित्व में विभिन्न संगठनों के लोगों के द्वारा बरगी जलाशय और नर्मदा नदी से निवास विधानसभा क्षेत्र के बीजाडांडी, नारायणगंज एवं निवास के किसानों के खेत तक सिंचाई व्यवस्था बनाने के लिए चार लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं की घोषणा किया था। जिसके कारण क्षेत्र के किसान काफी खुश हुए थे उन्हें आभार प्रेषित किया था। ज्ञात हो की बीजाडांडी नारायणगंज और निवास के किसान लिफ्ट सिंचाई योजना की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं। कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 53 हजार करोड़ की 13 हजार परियोजनाओं का भूमिपूजन और लोकार्पण रविंद्र भवन भोपाल से किया गया। जिसमें 18336 करोड़ की 18 जिलों की 33 सिंचाई परियोजनाएं भी शामिल था। इस सिंचाई परियोजनाओं से 1250 गाँव के 2 लाख किसानों की 2.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का दावा किया गया है।


स्थानीय सांसद और वर्तमान में बीजेपी से विधायक प्रत्यासी फग्गनसिंह कुलस्ते जी ने भी क्षेत्र की समस्याओं के कोई गंभीरता नहीं दिखाई जबकि मुख्यमंत्री की घोषणा के वक्त वे ख़ुद भी उपस्थित थे,

निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने कहा कि निवास विधानसभा क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री द्वारा घोषित चार लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं की कोई जानकारी नहीं है। एक बार फिर मंडला के आदिवासी किसानों के साथ छलावा किया गया है।

चिंता का विषय यह है कि मंडला जिले में रबी फसल के लिए 1 वृहद, 3 मध्यम और 60 लघु बांधो से मात्र 27 हजार 546 हेक्टेयर में सिंचाई होता है जो कुल रबी फसल रकबा का मात्र 16 प्रतिशत ही  है।


बहु प्रतीक्षित प्रोजेक्ट में अनदेखी मतलब पलायन को बढ़ावा देना

सिंचाई प्रोजेक्ट से 60%पलायन रुकता

मंडला जिले के कई क्षेत्रों में सिंचित भूमि न होने के कारण ग्रामीण खेती नहीं कर पा रहे हैं।जिले में एक बहुत बङा क्षेत्रफल पठार का भी है,यह भूमि सिंचित न होने के कारण ग्रामीण इस भूमि में खेती नहीं कर पा रहे हैं।जिससे भूस्वामीयों को आर्थिक परेशानी के साथ पलायन उनकी मजबूरी बन जाती है। 

लोगों की प्रतिक्रिया में निवास विधानसभा की यह अनदेखी बीजेपी और उनके विधानसभा प्रत्यासी के लिए बहुत भारी पड़ेगी

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