रेवांचल टाईम्स - मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है. 230 विधानसभा सीटों पर एक साथ 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 3 दिसंबर को चुनाव के नतीजें आएंगे. चुनावों का ऐलान होते ही प्रदेश में आर्दश आचार संहिता लागू हो गई है. 30 अक्टूबर तक प्रदेश में नामांकन का दौर चलेगा, जबकि 31 अक्टूबर को नामांकन की जांच होगी और 2 नवंबर तक नाम वापसी का आखिरी दिन होगा. इस बार प्रदेश में वोटर्स की संख्या भी 10 प्रतिशत बढ़ गई है.
मध्य प्रदेश के वोटर्स
कुल वोटर्स- 5 करोड़ 60 लाख , 60 हजार 925
पुरुष वोटर्स-2 करोड़ 88 लाख, 25 हजार, 607
महिला वोटर्स, 2 करोड़ 72 लाख, 33 हजार 945
थर्ड जेंडर-1373
किस उम्र के कितने मतदाता
18 से 19 साल के 22.35 लाख मतदाता
20 से 29 साल के 1.41 करोड़ मतदाता
30 से 39 साल के 1,45 करोड़ मतदाता
40 से 49 साल के 1.06 करोड़ मतदाता
50 से 59 साल के 74.85 लाख मतदाता
60 से 69 साल के 43.45 लाख मतदाता
70 से 79 साल के 19.72 लाख मतदाता
80 साल से ज्यादा के 6,53 लाख मतदाता
10 प्रतिशत पुरुष तो 13 प्रतिशत महिला वोटर्स बढ़ें
मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले पुरुष वोटर्स की संख्या 10 प्रतिशत तो महिला वोटर्स की संख्या 13 प्रतिशत तक बढ़ गई है. 2018 में कुल वोटर्स की संख्या 5 करोड़ 4 लाख 33 हजार 079 मतदाता थे, जिसमें 2 करोड़ 63 लाख, 01 हजार 300 पुरुष वोटर्स तो 2 करोड़ 41 लाख, 30 हजार 390 महिला वोटर्स थे.
मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव का ऐलान निर्वाचन आयोग ने कर दिया है. इस बार भी चुनाव एक चरण में ही संपन्न होगा. पांच साल पहले 2018 में हुए चुनाव का नतीजा बेहद दिलचसप रहा था, जिसमें कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत तक नहीं पहुंची थी.
2018 का नतीजा
कांग्रेस-114 सीटें
बीजेपी-109 सीटें
बसपा-2 सीटें
सपा-1 सीट
निर्दलीय-4 सीटें
वर्तमान में विधानसभा की स्थिति
बीजेपी-127 विधायक
कांग्रेस-96 विधायक
बसपा-2 विधायक (1 बीजेपी में शामिल)
सपा-1 विधायक (अब बीजेपी में शामिल)
निर्दलीय-4 विधायक
कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मध्य प्रदेश में 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. जबकि बीजेपी 109 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन कोई भी दल पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाया था. ऐसे में दूसरे दल और निर्दलीय विधायकों ने सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. प्रदेश में पहले 15 महीने कांग्रेस की सरकार चली थी, इसके बाद कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद सूबे में बीजेपी की सरकार बनी थी.
पांच साल में दो सरकारें
मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रदेश में दो सरकारें बनी थी. पहले 15 महीने कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चली थी. इसके बाद 2019 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी सरकार की वापसी हुई थी.
सबसे ज्यादा उपचुनाव....
मध्य प्रदेश में 2018 के बाद सबसे ज्यादा 31 विधानसभा उपचुनाव हुए थे, जिसमें 28 चुनाव 2020 में और 3 विधानसभा चुनाव 2021 में हुए थे. फिलहाल प्रदेश में दिसंबर तक नई विधानसभा चुनाव का गठन होना है. 2018 में 84 नए विधायक चुनकर आए थे।
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