स्वास्थ्य विभाग कब तक खेलेगा अटैचमेंट का खेल अटैचमेंट के चलते वर्षों से गायब है बिछिया एमपीडब्ल्यू धुर्वे - revanchal times new

revanchal times new

निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

Breaking

Monday, October 9, 2023

स्वास्थ्य विभाग कब तक खेलेगा अटैचमेंट का खेल अटैचमेंट के चलते वर्षों से गायब है बिछिया एमपीडब्ल्यू धुर्वे



रेवांचल टाईम्स - मण्डला, जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही थमने का नाम नहीं ली रही है। जिला कलेक्टर द्वारा अनेकों दफा स्वास्थ्य सेवाएं सुधार करने को लेकर सीएमएचओ को फटकार लगाई गई,परन्तु सीएमएचओ ने गोलमोल जवाब देकर फर्जी बीईई के बलबूते जिले की स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी हुई है।

एमपीडब्ल्यू को एक्स-रे की जिम्मेदारी सौंपकर लोगों की जिंदगी से की जा रही खिलवाड़

    वही जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की नाकामियों एवं लापरवाहों को नित्य अधिकारियों से रुबरु कराया जा रहा है परन्तु स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने लोगों की जिन्दगी को अपनी कमाई का जरिया बना रखा हुआ है और अटैचमेंट के चलते ग्रामीण स्वास्थ्य संस्थानों की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी है नतीजा शासकीय चिकित्सकों द्वारा स्वयं की बड़ी-बड़ी हवेली रुपी चिकित्सालय खोलकर तिजोरियां भरी जा रही है। सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में चल रहे बीईई के फर्जीवाड़ा पद का किस्सा थमा नहीं और एमपीडब्ल्यू को एक्स-रे चिकित्सक का पद सौंपा जा चुका है बावजूद इसके जिम्मेदारों द्वारा संबंधित के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया, इसी लापरवाही के संरक्षण का मुख्य कारण स्वास्थ्य अमले द्वारा कोई बड़े हादसे का इंतजार किया जाना है। इसी का परिणाम है कि मण्डला हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर रिलायंस पेट्रोल पंप की पीछे वर्षों से निरीक्षण नहीं किया जा रहा है,कारण यह भूतपूर्व सिविल सर्जन डाॅ मनोज मुराली का नर्सिंग कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर है जिन्हें लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा था जिनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही विचाराधीन है और अभी न्यायालय एवं जनता का निर्णय बाकि है परन्तु हमराह विभागीय अधिकारियों ने लोगों की जिन्दगी को दांव पर रखकर शासन-प्रशासन की नियमावली को रौंदते हुए अभी तक इस हाॅस्पीटल एवं रिसर्च सेंटर को अनदेखा किया जिसमें हाॅस्पिटल का मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएँ (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत संचालन किया जाना नहीं पाया गया। मामले को लेकर मीडिया द्वारा आला-अधिकारियों को उनके कुम्भकरणी नींद से अनेकों दफा जगाया गया, परन्तु स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यवाही को ठण्डे बस्ते में डालकर मण्डला हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर बिझिया मण्डला का पंजीयन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, बावजूद इसके जिम्मेदारों द्वारा पर्दे के पीछे खुलेआम छूट दी जा चुकी है। उक्त चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती/उपचार का सिलसिला जारी है।

कब होगा सीएचसी बिछिया के एमपीडब्ल्यू की जांच

जिले के सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में बिमारियों का कहर एक बार फिर टूट पड़ा है लोगों ने अपनी जान बचाने हेतु हर संभव प्रयास कर रहे हैं,परन्तु शासन-प्रशासन के रखवालों को अपनी तिजोरियां के अलावा जनता की कोई परवाह नहीं जहां सीएचसी बिछिया में पदस्थ एमपीडब्ल्यू गोवर्धन धुर्वे द्वारा बगैर वैधानिक आदेश के कभी बीईई तो कभी एक्स-रे चिकित्सक के पद पर नियुक्त होने का खेल बना रखा है। मामले को लेकर जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जब इस सम्बंध में बात किया तो सीएमएचओ ने यह स्पष्ट किया कि गोवर्धन धुर्वे एमपीडब्ल्यू के पद पर उप स्वास्थ्य केन्द्र केवलारी में पदस्थ है और गोवर्धन धुर्वे को बीईई एवं एक्स-रे चिकित्सक के पदभार के लिए किसी भी प्रकार का कोई ऑफिसिली आदेश नहीं दिया गया है।साथ ही सीएमएचओ का कहना है कि सीएचसी बिछिया में कचरा बाई धुर्वे को बीईई के पद पर नियुक्त किया गया है, कचरा बाई धुर्वे बीईई के पद पर कार्यरत है।सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया का यह मामला जहां अधिकारी के द्वारा गोलमोल जवाब देकर फर्जीवाड़े का संरक्षण करना आये दिन तूल पकड़ता जा रहा है उपस्वास्थ्य केन्द्र केवलारी में पदस्थ एमपीडब्ल्यू धुर्वे द्वारा बगैर वैधानिक आदेश के एक्स-रे चिकित्सक के पद पर कार्य करना सीएचसी में विवाद का कारण बन गया है।इसके पहले भी बीईई के नाम पर अवैध सिक्का जमाने का मामला आ चुका है।इस तरह अधिकारियों की खुली छूट के चलते सीएचसी में राजनेताओं का कहर बढता जा रहा है।यहां पदस्थ एमपीडब्ल्यू राजनीतिक दलों के संरक्षण के जरिए मनमानी रवैया अपना रहे है।इस तरह शासकीय कार्य में राजनेताओं के इशारे का मामला पहले भी आला-अधिकारियों तक पहुंचाया जा चुका है परन्तु जिम्मेदारों की चुप्पी साधने का का नतीजा राजनीतिक कहर की पोल खोल रहा है।जिम्मेदारों द्वारा मामले को लेकर कार्यवाही नहीं किया जाना किसी राजनेता के दवाब का कारण हो सकता है जिसका खामियाजा आमजनता को भुगतना पड़ रहा है और इसी तरह सीएचसी बिछिया में चल रहे राजनेताओं की दादागिरी के किस्से सुर्खियों में है वहीं आला-अधिकारी - राजनेताओं के साथ ताल से ताल मिलाकर अपनी तिजोरियां भरने में चूर है।

क्षेत्रीय संचालक द्वारा की जाएगी पुनः मामले की जांच

जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों पर लगाम नहीं कसने कभी सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में एमपीडब्ल्यू को गैर संवैधानिक रुप से बीईई तो कभी एक्स-रे चिकित्सक के पद पर नियुक्त कर कार्यभार सौंपने को लेकर जहां सीएमएचओ से मामले की जांच की बात कही गई,परन्तु आज दिनांक तक संबंधित मामले की जांच प्रतिवेदन आला-अधिकारियों एवं शिकायतकर्ता को प्रेषित नहीं किया गया है।शिकायकर्ता द्वारा मामले की जांच राज्य स्तरीय अधिकारियों को तक सौंपा गया है जिसको लेकर सीएचसी बिछिया में एमपीडब्ल्यू एवं एक्स-रे चिकित्सक के पद पर आसीन होकर मासूम जनता की जिन्दगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।बगैर वैधानिक नियुक्ति के इस तरह जिम्मेदाराना जिम्मा सौंपा जाना कहां तक सही है?मामले की विस्तृत जांच के लिए क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं जबलपुर पत्र लिखा गया है।

अटैचमेंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग में आये दिन हो रहा भ्रष्टाचार

जिले की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों की करतूतों का चिठ्ठा-पर्चा किसी से छुपा नहीं है। स्वास्थ्य सेवाएं से तंग आकर आमजनता आये दिन जिले के आला-अधिकारियो एवं जनसुनवाई की चौखट चूमते हैं परन्तु जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती।जिले की स्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज हैं जिसमें एल-01 से लेकर एल-04 तक समस्त श्रेणियों में प्रदेश के मुखिया पास शिकायत दर्ज कराई गई है,परन्तु प्रदेश को मुखिया को अपनी चुनावी प्रचार प्रसार करने से फुरसत नहीं और आज तक प्रदेश के मुखिया तथा स्वास्थ्य मंत्री ने जनता की सुध नहीं ली है।जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे इस लापरवाही एवं भ्रष्टाचार का खुलासा कब तक किया जाएगा,आये दिन अटैचमेंट का खेल खेलने वाले दोषियों को संरक्षण देने का खेल कब तक चलेगा।क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं जबलपुर द्वारा दी गई जानकारी अनुसार मामले की जांच सीएमएचओ को किया जाना था परन्तु उनके द्वारा जांच नहीं कर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही नहीं किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की गई है।जहां सीएमएचओ द्वारा एमपीडब्ल्यू मामले एवं अटैचमेंट को स्वास्थ्य सेवाएं बाधित करने के मामलों एवं दोषियों का पर्दाफाश किया जाएगा।जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा दोषियों को संरक्षित करने का यह मामला विभागीय अनियमितता एवं लापरवाही के साथ-साथ एक बड़े भ्रष्टाचार की पुष्टि करता है ।

इनका कहना है...

01 मण्डला जिले में अनावश्यक अटैचमेंट की जानकारी नहीं है, यदि किसी ने अपनी मनमानी निजी स्वार्थ को लेकर अटैचमेंट किया है तो यह संवैधानिक रुप से गलत है और यदि सीएमएचओ द्वारा इस मामले पर कार्यवाही नहीं किया जा रहा है तो मेरे द्वारा मामले की जांच कर कार्रवाई की जावेगी।

                                डॉ संजय मिश्रा

                        क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं 

                             जबलपुर मध्य प्रदेश

No comments:

Post a Comment