दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला भिक्षा द्वारा भंडारा सांई बाबा की104 वीं पुण्यतिथि रजक परिवार सांई दरवार वार्ड क्रमांक 3 नर्मदा जी वार्ड मंडला मप्र में भिक्षा द्वारा अर्जित भंडारे का 17 वां वर्ष है।सांई बाबा की पुण्यतिथि (दशहरा) के दिन आप सपरिवार आमंत्रित हैं।समाधि के पहले बाबा द्वारा कहे गए कथन, समाधि मंदिर बूटीवाडा इसी स्थान पर श्री सांई नाथ महाराज चिरनिंद्रा में लीन हैं।बाबा के परम भक्त बापू साहब बूटी ने रहने के लिए बाडा बनवाया।यहां मुरलीधर की मूर्ति स्थापित करवाने का मन था।बाबा ने ये सुना तो बड़े आनन्द से अनुमति दी और ये भी कहा, मंदिर पूरा हो जाने पर मैं स्वयं यहां आऊंगा और आनन्द का उपभोग करूंगा।बाबा ने अपने शब्द सच साबित कर दिखाए।बात है 1918 जून माह की जब बाबा ने बातों ही बातों में कह दिया 9 दिन 9 तारिख अल्लाह मियां अपनी दुनिया ले जाएगा मर्जी अल्लाह की
15अक्टूबर 1918 मुसलमानों की कालगणना के अनुसार वो दिन था,कत्ल की रात यानी पवित्र रमजान महीने का ९वां दिन,
बुद्ध जयंती,काली पूजन अर्थात मंगलवार अश्रि्वनी शुक्ल,
दशमी सह एकादशी,(दशहरा)
दोपहर 2,30 बजे सांईनाथ ने स्वेच्छा से प्रणय किया।
देह त्यागने से पहले बाबा ने कहा अब मुझे यहां अच्छा नहीं लगता, बाड़े में ले चलो तभी अच्छा लगेगा,बस यही थी बाबा की आखिरी इच्छा।दूसरे दिन यानी इकादशी को बाबा की देह शोकाकुल यात्रा के द्वारा उनकी इच्छा के अनुसार बूटीबाडे के गर्भागार में विराजमान कर दी गई।सांईनाथ अपना कार्य अब समाधि से करने लगे।बाबा की समाधि आज विश्व का मंदिर बन गया।सबका मालिक एक ॐ सांई राम जय जय मेहेर बाबा।
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