विकास की तस्वीर दिखाकर बैगाओ से किया जा रहा छल
गायब हुए बिजली,पानी सड़क के नाम पर वोट मांगने वाले
दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग - जिले में बैगा जनजाति के विकास के नाम पर शासन द्वारा दर्जनों योजनाएं संचालित की जा रही है परंतु विडंबना देखिए की आजादी के बाद से ही बैगा आबादी वाले गांव मूलभूत सुविधाएं को तरस रहे हैं राजनीतिक दल भी इन भोले भाले आदिवासियों को विकास का प्रलोभन देकर वोट तो हासिल कर लेते है इसके बाद उन्हे उसी हाल में छोड़ दिया जाता है जैसे के वो पहले जीवन गुजार रहे थे इन राजनेताओं के शोषण का शिकार बैगा जनजाति के लोगो को जीवन में परिवर्तन की उम्मीद भी करना बेमानी है बजाग विकास खंड की ग्राम पंचायत भुरसी के बैगा बाहुल्य आबादी वाले चिखला टोला के ग्रामीण एवम स्कूली छात्रों के लिए बरसात के चार महीने बड़े ही कष्टदायक होते है बारिश के दिनों में इन लोगो को आवागमन के लिए कीचड़ भरे दलदली रास्ते से होकर गुजरना पड़ रहा है वनग्राम चिखला टोला के मिडिल स्कूल के लगभग दर्जनों बच्चो को विद्या अध्ययन करने इसी कीचड़ भरे जंगली रास्ते से पांच किमी दूर तरच स्थित स्कूल जाना पड़ता है छात्र बताते हैं की कीचड़ वाले रास्ते पर पानी भरे होने की दशा में फिसलन होने के कारण कई बार गिर गिरकर मुश्किल से स्कूल तक पहुचना होता है जिससे स्कूली पोशाक गंदी हो जाती है साथ ही कापी किताब भी भीग जाते है मार्ग तय करने में काफी समय बर्बाद होता है घर आते आते शाम हो जाती है जिससे जंगली जीव जंतुओं का खतरा भी बना रहता है ग्राम चिखला टोला की ग्रामीण आबादी को भी मुख्यमार्ग तरच तक पहुंचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जबकि इस टोला में सेकडो बैगा परिवार निवासरत है ग्रामीणों ने बताया की आजादी के बाद से यहां पर कई नेता आए और गए परंतु किसी ने सुध नहीं ली खस्ताहाल मार्ग में कभी कभार दो चार सालों में मिट्टी मुरूम डालकर छोड़ दिया जाता है जिससे की बरसात आते ही मार्ग कीचड़ युक्त हो जाता है ग्रामीणों ने पक्की सड़क बनाए जाने की मांग की है
No comments:
Post a Comment