रेवांचल टाईम्स - डिण्डौरी मीडिया सेल प्रभारी मनोज कुमार वर्मा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि, थाना समनापुर के अप0क्र0 102/2022 सत्र प्रकरण क्रमांक 67/2022 के आरोपी चैनसिंह पिता सुखलाल परस्ते उम्र 29 वर्ष निवासी बरगांव थाना समनापुर जिला डिण्डौरी को मृतिका के सिर में सरई की लकड़ी से मारकर हत्या कारित करने एवं साक्ष्य का विलोपन करने के आशय ये शव को नदी में फेंकने के मामले में न्यायालय सत्र न्यायाधीश डिण्डौरी, जिला डिण्डौरी द्वारा आरोपी को धारा 302 भादवि के अपराध के लिए आजीवन कारावास एवं 2000/- का अर्थदण्ड, एवं धारा 201 भादवि के अपराध के लिए 07 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया, अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर क्रमश: 02 माह एवं 01 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का आदेश पारित किया गया ।
घटना का संक्षिप्त विवरण –
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है, अभियुक्त एवं उसकी पत्नि घटना दिनांक 12/03/2022 के एक माह पूर्व काम करने केरल गये थे जहां अभियुक्त ने अपनी पत्नि के चरित्र पर सन्देह करते हुए उसके साथ मारपीट किया था जिससे उसके सिर पर चोट आने से 4 टांके लगे थे । दिनांक 11/03/2022 को अभियुक्त और उसकी पत्नि वापस गांव लौट आये थे उसी दिन अभियुक्त चरित्र पर संदेह करते हुए अपनी पत्नि को मारने के लिए हाथ में चाकू लेकर मारने को तैयार हो गया तब अभियुक्त की पत्नि गांव के अन्य किसी के घर में छुप गई । घटना की जानकारी माता-पिता को लगते ही दिनांक 12/03/2022 को अभियुक्त की पत्नि के पिता एवं सौतेली मां(मृतिका) देखने आये थे और अभियुक्त को मारपीट करने से मना कर समझाईश दी थी । इसी बात से नाराज होकर अभियुक्त चैनसिंह बोला था कि जो भी हम पति-पत्नि के बीच आयेगा उसे जान से मार डालूंगा । इसके बाद दिनांक 13/03/2022 को अभियुक्त चैनसिंह ने मृतिका को उसके घर छोड़ने का कहकर अपने ससुर एवं मृतिका दोनों को अपने मोटर साईकिल में बैठाकर ससुर को गांव मोहारी ले जाकर छोड़ दिया और मृतिका को मोटरसाईकिल में बैठाकर उसे सरईटोला छोड़ने जा रहा हूं कहकर ले गया था । लेकिन मृतिका अपने घर नहीं पहुची थी । तब अगले दिन अभियुक्त से पूंछने एवं खोजबीन करने पर मृतिका की लाश नदी में तैरते हुये मिला । अभियुक्त चैनसिंह दौड़कर जंगल में भाग गया । उक्त मामले में थाना समनापुर द्वारा रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज कर विवेचना की गई । विवेचना में संकलित साक्ष्य के आधार पर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । तदुपरांत अभियोजन के साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय सत्र न्यायाधीश डिण्डौरी द्वारा उपरोक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया गया ।
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