रेवांचल टाईम्स - मंडला लोक निर्माण विभाग में हर जगह भ्रष्टाचार किया जा रहा है चाहे वह सड़क हो या पुलिया हो या फिर मरम्मती करण के नाम पर हो और अब तो भ्रष्टाचार की हद ही हो गई कि सरकारी भवनों में जो पुताई का कार्य हुआ था वह ऐसी कि गई कि वह बारिश के पानी के साथ साथ वह भी बह गई, धन्य ये जिला और धन्यवाद इस जिले की आदरणीय जनता को जो सब कुछ अपनी खुली आँखों से देख कर भी चुप चाप सहन कर लेती है शायद आज इनकी ही चुप्पियों के कारण जिले में भ्रस्टो और भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है और खुलेआम सरकारी धन में अपना और अपने करीबियों फ़ायदा पहुँचा रहें है। और इस जिले में मुख्य दफ्तरों बड़े बड़े अफ़सर बेठे हुए है उन्हें तो राजनेताओं का भ्रष्टाचार करने का अभयदान प्राप्त है।
आज के दौर में भ्रष्टाचार कहां नहीं है। मगर ठेकेदार अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार की इतनी हद पार चुके है। कि उन्हें लगता ही नहीं है। कि हम कैसे और किससे और कितना पैसा हजम कर रहे हैं। उन अधिकारियों को पैसे से मतलब होता है। और जब शिकायत होती है। प्रशासन में बैठे अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर और कागजों जांच को उलझा कर चले जाते है। जिसके कारण शिकायत में क्या कार्रवाई हुई किसी को नहीं पता है। वही प्रशासन में बैठे इन भ्रष्टाचारियों को सिर्फ समझाइश देकर ही छोड़ दिया जाता है ।जिसके कारण इनके हौसले बुलंद हो चुके है।उनको पता होता है। कि जो जांच करने आते हैं। वह भी कमीशन लेकर और जांच को दबाने की दक्षिणा ले चुके होते हैं। जिसके कारण करोड़ों के घोटाले कागजों में दबे धूल खा रहे है।
क्या है। मामला
नैनपुर नगर में ऐसे अनोखे मामले सामने आए जिसमें शिकायतें हुई मगर जांच क्या हुई आज तक किसी को नहीं पता है इसी तरह एक मामला नैनपुर शासकीय स्नातक महाविद्यालय का है जिसमें पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा प्रशासनिक स्तर पर पुताई का ठेका निकाला गया मगर पुताई पेंट से की जानी थी। मगर पीडब्ल्यूडी के उपयंत्री और एसडीओ ने 5 लाख की पुताई में ऐसा खेल रचा की पूरे कालेज की पुताई चुना से करवा दी और पीडब्ल्यूडी की पुताई एक बारिश भी नहीं टिक पाई और आज कालेज काला महल दिखाई देने लगा है। वही जब इसकी जानकारी महाविद्यालय के जबाबदारो से जननी चाही गई तो उनका रिसीव नहीं हुआ।
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