रेवांचल टाईम्स - मंडला जिला चारो ओर से वनों से घिरा हुआ है और इन्हें सुरक्षित रखने वन अमला बैठा हुआ है पर निजी स्वार्थ के चलते अब वनों की तेजी से सफ़ाई अभियान शुरू है वही वन माफिया बड़े तेजी से सक्रिय है और जिस तरह से वनों की सफाया किया जा रहा कुछ दिनों बाद जहाँ पर आज हरे भरे पेड़ पौधे नजर आ रहे है वह पर धीरे धीरे मैदान हो रहे है।
वही जानकारी के अनुसार जिन बीट गार्डों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी है वह अब अधिकारियों से सांठगांठ कर मुख्यालय और रेंज कार्यालय में बैठें हुए नजर आ रहे है। और थोड़े बहुत है जिनके हवाले जो जंगल है वह भी पूरी तरह से रेख देख करने में असफल नजर आ रहे है वही आज वन भूमि से रेत मिट्टी और ईंट भट्टों के लिए तेजी से कटाई की जा रही है और ये सब वन विभाग के आला अधिकारी कर्मचारी की सांठगांठ के चलते हो रहा है, और जंगलो की अवैध कटाई के मामले के चलते वन परिक्षेत्र बरेला हमेसा सुर्खियों में बना रहता है इस परिक्षेत्र में अक्सर वन माफिया सागौन की तस्करी करते देखे जाते है लेकिन मुख्यालय में बैठकर वनों की रक्षा करने वाले वन रक्षकों की वजह से वन माफिया अपने मंसूबों में कामयाब होते जारहें है। जिसका नतीजा यह निकला कि जमठार पौड़ी बीट क्षेत्र में वनकर्मियों की लापरवाही व मिली भगत वन माफिया अपने मंसूबो में कामयाब होते गये और सैकड़ों हेक्टेयर जंगल से सागौन की लकड़ी काट कर सप्लाई करतें गये। इससे पहले भी वन माफियाओं इसी क्षेत्र में सागौन के हरे भरे बेस कीमती पेड़ों को काट कर बेचा जारहा है। जिसकी शिकायत कई बार स्थानीय लोग सम्बंधित अधिकारी व विभाग से कर चुके लेकिन आज दिनांक तक वन परिक्षेत्र अधिकारी व वन रक्षक वन माफियाओं को पकड़ने में नाकाम शाबित हुए। जब ग्रामीणों को लगा कि संबंधित अधिकारी व कर्मचारी वन माफियाओं पर कार्यवाही करने में नाकाम शाबित हो रहा है तो ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक व जिला कलेक्टर के पास जाना मुनासिब समझा। लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने उक्त मामले में कोई कार्यवाही नहीं तो ग्रामीण स्वयम एकत्रित होकर जंगल के अंदर गये और जहाँ पर वन माफियाओं ने सागौन की लकड़ियां काट कर छुपाई थी। वहाँ से निकाल कर उनका वीडियो फोटो बनाकर मीडिया कर्मियों के पास भेजा तब कही जाकर वन अमला सक्रिय हुआ। टीवी चैनलों और अखबारों में खबर प्रकाशन के बाद आनन फानन में पक्षिम सामान्य मंडल के डीएफओ जमठार क्षेत्र के भृमण पर पहुँचे लेकिन साहब इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने ग्रामीणों की एक बात नही सुनी।
वन माफियाओं के नाम उजागर न हो जाए इस लिए नही मिले डीएफओ
ग्रामीणों का आरोप है कि हम लोग सुबह से डीएफओ साहब का इंतजार कर रहे थे लेकिन हम लोगो से साहब ने बात तक नही की और गाड़ी में बैठे चुपचाप निकल गये जिससें हमें लगता है कि डीएफओ साहब हमसे इस लिए नही मिल रहे है कही ग्रामीण हम से वन माफियाओं के नाम न पूछने लगें और दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही न करनी पड़े इस सायद इसी लिए डीएफओ साहब हमसे नही मिले है। साथ ग्रामीणों ने बताया अभी तक वन परिक्षेत्र अधिकारी ने उक्त लकड़ियों की जप्ती भी नही बनाई है जिससें हमें आशंका है पकड़ी गई लकड़ियों में कुछ गायब न हो जाए।
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