दैनिक रेवांचल टाइम्स डिंडोरी.. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास जिला डिण्डौरी के द्वारा स्थापना दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया। न्यास के प्रांत सह संयोजक डॉ बिहारी लाल द्विवेदी ने बताया कि न्यास का कार्य वर्ष 2004 में शिक्षा बचाओ आंदोलन के नाम से कार्य प्रारंभ हुआ। 2007 में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का गठन किया गया। वर्तमान में न्यास 10 विषय, 3 आयाम, 3 कार्य विभागों एवं 2 विशेष अभियानों के माध्यम से न्यास देशभर में कार्यरत है।
न्यास की इस विकास यात्रा
विभिन्न प्रकार की विविधताओं एवं भिन्नताओं को एक समरस धागे में बांधे भारत देश में सुशासन प्रदान करना एक जटिल चुनौती है। इस चुनौती से पार पाने हेतु आवश्यक प्रशासन तंत्र के सूत्रधारों का चयन भी चुनौतीपूर्ण कार्य हैं। स्वतंत्रता के सात दशक बाद भी देश की प्रशासन व्यवस्था अंग्रेजों द्वारा रचित ICS पद्धति पर ही आधारित है। चयन परीक्षा भी ब्रिटिश काल के अनुरूप ही चली आ रही थी। न्यास का मानना है की इस प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की है। इसी दिशा में न्यास के प्रयासों के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने बी एस बासवान समिति का गठन किया था। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्यों में भी परीक्षा प्रणाली में सुधार हेतु न्यास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप सरकार के पास रखा जो आज लागू हो चुकी है। न्यास के तीन ध्येय वाक्य है देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलो। माँ, मातृभूमि एवं मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं।समस्या नहीं समाधान की चर्चा करे 2 जुलाई को इसके स्थापना दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण का कार्य शारदा टेकरी में किया गया वृक्षारोपण का उद्देश्य यह है कि आने वाले समय में शुद्ध वायु, शुद्ध पर्यावरण हम सभी को मिल सके इसी उद्देश्य से वृक्षारोपण का कार्य शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के स्थापना दिवस पर किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से डॉ बी एल द्विवेदी, विकास जैन सुभाष धुर्वे,अनुराधा बालमीक में प्रवेश द्विवेदी, प्रणव द्विवेदी, गौरव द्विवेदी, रमेश रैकवार, टेकन राम साहू, मनीष सोनवानी सहित न्यास के अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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