एक और अमृत सरोवर- चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट जगह जगह से फूटा, सरोबर के पानी से किसानों की फसल हुई चौपट किसानो ने जिला प्रशासन से की जांच की माँग... - revanchal times new

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Saturday, July 15, 2023

एक और अमृत सरोवर- चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट जगह जगह से फूटा, सरोबर के पानी से किसानों की फसल हुई चौपट किसानो ने जिला प्रशासन से की जांच की माँग...





रेवांचल टाइम्स - मंडला जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है, जहाँ पर सरकारी योजनाएं केवल भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार  सरकारी धन की किस कदर होली खेली जाती है वह इस जिले में संचालित योजनाओं पर किये गए विकास के निर्माण कार्यो को देखे उन निर्माण कार्य ऊपर से दिखते कुछ और है और उनमें अंदर कुछ और होता है जो समय आने पर वह अपनी गुणवत्ता खुद व खुद व्यया कर देते है पर न विभाग और न ठेकेदार इस ओर ध्यान देते है केवल उन योजनाओं में कितना बचा सकते है केवल उस पर ध्यान देते है और अगर योजनाओं में भ्रस्ट जिम्मेदार भ्रष्टाचार न करे तो आने वाले समय में जिला विकास शील हो जायेगा तो फिर योजनाएं कैसे मिलेंगी इस लिए शायद खुलेआम भ्रष्टाचार को छूट दे दी गई हैं और शिकायते तो केवल फाईल का बजन बढ़ाने के लिए की जाती है। 

      वही जिले मंडला जिले में संचालित केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं को संचालित किया जा रहा है उन्ही योजनाओं ने से है एक अमृत सरोवर योजना यह योजना का उद्देश्य जल संरक्षण एवं संवर्धन कर जलस्तर को बढ़ावा एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिये बताई गई है। अमृत सरोबर का मतलब है अमर अक्षुण्य जो कभी नष्ट न होने वाला होता है, यह महत्वाकांक्षी योजना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच एवं दूरदर्शिता के चलते लाई गई है जिसमें संपूर्ण भारत वर्ष में लागू की गई है. जिससे केंद्र सरकार के द्वारा करोड़ों अरबो रुपये हर जिलों को दिये गये हैं ताकि वर्षा के जल को संरक्षित कर पर्यावरण व जल स्तर को बचाया और बढ़ाया जा सके पर ऐसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदार आपस मे साठगांठ कर योजनाएं में पलीता कराने में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं। पूर्व में ऐसा ही जिले के निवास विकास खंड में एक अमृत सरोवर पहली ही वारिश में फुट गया जिसमें प्रशासन मौके में पहुँच कर और निरक्षण कर गुणवत्ता हीन कार्य कराने वाले जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है लेकिन उस कार्य   में जिम्मेदार ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नही करने की जानकारी प्राप्त हुई जिस कारण से ठेकेदारों के हौसले बुलंद नजर आ रहे है वही अमृत सरोवरों का टूटना लगातार जारी हैं, पहले निवास विकास खंड में अमृत सरोवर भ्रस्ट अधिकारियों और भ्रष्टाचार का शिकार होते हुए फूटा गया जैसे जैसे अमृत सरोबर का पानी बहा वैसे ही सरकारी धन भी पानी मे बह गया।

            वही सूत्रों से जानकारी प्राप्त अनुसार दूसरा अमृत सरोवर के फूटने का मामला सामने आया है यह पूरा मामला विकास खंड बीजादांडी की ग्राम पंचायत समनापुर के पोषक ग्राम औरिया में, नवनिर्मित अमृत सरोबर हुई बारिश का पानी का भराव नही सह सका और वह भी जगह जगह से फूट गया है, या कहें विभाग की लापरवाही और सरकारी धन में हुए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।

         हम आपको बता दें कि यह अमृत सरोबर की लागत लगभग लोगों के द्वारा बताया गया कि जो अमृत सरोबार बनना शुरू हुआ था तब से ठेकेदार अपनी रसूखता के चलते इस कार्य को मनमाने तरीके से बनाया गया है और शुरू होने से लेकर आज तक हो रहे निर्माण कार्य का न तो योजना का बोर्ड लगाया गया और किसी को जानकारी दी गई कि कितने राशि स्वीकृत हुई है। 

            मौके में रेवांचल समाचार की टीम पहुँची तो लोगो ने अमृत सरोबर से हुए नुकसान के बारे बतलाया ओर उन्होंने बताया कि ये सरोबार लगभग अड़तालीस लाख से बनाया जा रहा है। जिसकी गुणवत्ता की पोल हुई पहली ही बारिश में सामने आ गई वह यह भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण बन गया, जबकि इनके निर्माण के समय तकनीकि विभाग कि अनु- विभागीय अधिकारी उपयंत्री ने समय-समय उपस्थित हुए पर उपस्थित होने के बाद भी ये कैसी गुणवत्ता का ध्यान दिया गया कही न कही ये अमृत सरोबार के फूटने विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार की लापरवाही सामने आ गई लेकिन उस अमृत सरोवर के निर्माण कार्य में भारी लापरवाही बरती गई है जो आज सब के सामने है और नही गुणवत्ता का मापदंड अपनाया गया है यह पूरा अमृत सरोवर की लंबाई 95 मीटर, चौराई 8 मीटर, गहराई 2 मीटर के मापदंड से बनाया गया है जिसमें मजदूरी भुगतान 220 रुपये की दर से किया गया है. इस सरोवर के बन जाने से ग्राम मझगांव टिकरिया समनापुर एवं औरिया प्रभावित होते है और इस सरोबार के फूटने से बाद की स्थिति उत्पन्न होने से निचले स्तर में बने गरीब आदिवासी किसानों के खेतों में पानी भर गया और बहाव के कारण फसल भी बह गई इतना सब होने के बाद भी संबंधित अधिकारी एवं ठेकेदार को कोई फर्क नहीं पड़ा और भ्रष्टाचार तो हम करेंगे ही जबकि इसी भ्रष्टाचार और गुणवत्ता हीन अमृत सरोवर का निर्माण किया गया जिसमें आर.ई.एस. विभाग के जिम्मेदार कार्यपालन यंत्री दीपक आर्यों को प्रशासन ने निलंबित कर दिया है इसके बाद भी इस निर्माण कार्य को देख रहे अनुविभागीय अधिकारी सुमित शुक्ला को जरा भी फर्क या खौफ दिखाई नहीं दे रहा है औरिया ग्राम के अमृत सरोवर को ठेकेदार और अनुविभागीय अधिकारी मिलकर गुणवत्ता हीन निर्माण कार्य कराया गया है हुए कार्य का ना ही गुणवत्ता के मापदंडों का ध्यान रखा गया है। ठेकेदार और एस.डी. ओ. मिलकर शासन से प्राप्त राशि का बंदरबांट कर दिया हैं। 

          वहीं ग्रामीणों ने बताया कि यह निर्माणकार्य बहुत ही घटिया और गुणवत्ताविहीन कार्य कराया गया है हम लोगों के द्वारा कई बार कहा गया है कि भइया सरोवर का कार्य अच्छे से करवाओ पर हमारी बातों को न ठेकेदार सुनता था और न ही एस. डी. ओ. साहब सुनते थे। जिसका नतीजा आज सबके सामने नजर आ रहा है जब हम लोग कुछ कहते थे तो उल्टा ठेकेदार के आदमियों के द्वारा हम ग्रामीणजनों को धमकाया और डराया जाता है और कहा जाता है कि हम लोग जो काम करा रहे है वह सही और आप "लोगों को जहाँ लगे शिकायत कर दो। हमारा जो काम है हम कर रहे है हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है हम लोगो की ऊपर तक सब सेटिंग हैं। 

      वही ग्राम के ग्रामीणों ने अमृत सरोबार में विभाग और ठेकेदार ने भ्रष्टाचार किया और इनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार के कारण हम ग़रीबो के खेत मे बोई गई फसल का नुकसान हुआ उसकी जांच की जाए और हमारा जो नुकसान हुआ है वह नुकसान की भरपाई विभाग या फिर ठेकेदार से करवाया जाए, हमे हमारे जिले में आई नवागत कलेक्टर महोदया से आशा है और हम गरीब किसान अपील करते है, कि इस निर्माण कार्य को आकर देखे व संबंधित अधिकारी व ठेकेदार के ऊपर उचित कार्यवाही भी करे व गुणवत्तापूर्वक निर्माण कार्य कराने की दया करें जिससे आने वाले समय मे हमे योजनाओं का लाभ भी मिल सकें।

       वही जब इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों से रेवांचल समाचार की टीम ने फूटे हुए अमृत सरोबर के कारण को जानना चाहा तो कार्यपालन यंत्री श्री आरमो जी के द्वारा कहा गया कि में वर्तमान में सेवा मुक्त हूँ और पहले ही कलेक्टर मंडला ने मुझे निलंबित कर दिया है इसके बाद एस डी ओ निवास सुमित शुक्ला जो कि हेड क्वार्टर छोड़ कर डेली अपडाउन जबलपुर से करते है उनसे भी बात करनी चाही और उनका पक्ष रखना चाहा इतने जबाबदार पद पर पदस्थ होने के बाद भी उन्होंने चौथ स्तम्भ मीडिया जगत जुड़े लोगों का मोबाईल उठाते हुए जाबाब देना भी उचित नही समझा आर ई एस विभाग के जबाबदार अधिकारियों के द्वारा जब समुचित जाबाब नही मिला तब रेवांचल की टीम ने जिला प्रशासन की मुखिया कलेक्टर मंडला से इस विषय मे प्रशासन का भी पक्ष जानना चाहा तो उनका भी लगातार मोबाईल बन्द आ रहा था संबधित मीडिया मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला के मुखिया के निज निवास में दूरभाष पर भी बात की गई तो सुरक्षा कर्मियों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में मैडम बगले में नही है। जिला प्रशासन की नवागत मुखिया से क्षेत्रीय जनों ने जनउपयोगी इस सरोबर में किये गए गुणवत्ता हीन कार्य को संपादित करने वाले समस्त जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी व ठेकेदार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर इस जिले को भ्रष्टाचार मुक्त करने अनुरोध किया है।

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