रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला को अंग्रेजों से आजाद हुए लगभग सात दशक बीत चुके है पर आज भी ग्रामीण अंचल में रहने वाली भोली भाली जनता राजनेताओं के भाषण के और वोट बैंक के शिकार हो रही है और आज भी इनके गुलाम बनी हुई है, हर पांच साल में चुनाव आते है और विधायक मंत्री सरपंच पंच सांसद चुनाव जीतने इनके सामने हाथ जोड़े और पैर छूते नजर आते है और जैसे ही चुनाव में इनके वोट पाकर जीत हासिल की इसके बाद कौन जनता कौन मददाता और क्या वादे सब भूल कर अपने निजी स्वार्थों के चलते अपने करीबी भर ही याद रहते है बाकी सब केवल वोटर है वोट लेने के बाद उन्हें पांच साल के लिए भुला दिया जाता है। फिर जब चुनाव आइगे तब जनप्रतिनिधि फिर इन्हें मानने इनके पैर धोकर पियेंगे और हाथ जोड़ फिर इन्हें भरोसा दिलाइगे कि आप हमें अपना जनप्रतिनिधि चुने और हमें ही वोट दे हम ईमानदार कर्मठ निष्पक्ष है कर्तव्यों का पालन करते है दिए गए वचनों को निभाएगे और हम आपकी हर समस्या का समाधान करेगें हम आपके साथ हमेशा खड़े है ये सब मीठे मीठे वादे कर उन्हें कुछ प्रलोभन भी दे देते है फिर जितने के बाद इनका असली चेहरा जनता के सामने आता है वोट मांगने तक वो हाथ जोड़े हुए होते है और जैसे ही जीत हासिल की फिर वह आम आदमी से माननीय महोदय हो जाते जब उनसे मिलना हो तो पहले उनके पी ए या गन मेन से बात करो तब जाकर माननीय की इक्छा हुई तो मिल लिए नही तो कह दिये कि साहब अभी मीटिंग में है और बेचारी जनता फिर आगामी चुनाव का इंतजार करती नजर आती है और चुनाव आते फिर पुराना वाला खेल चालू हो जाता हैं। पर बस अब जनता इनसे सावधान हो चुकी है और चुनाव के पहले अपनी मूलभुत सुविधा के लिए चुनाव का वहिष्कार करने का मन बना लिए है।
वही प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले के विकास खण्ड नारायणगंज मुख्यालय से महज 4 मील कि दूर ग्राम पंचायत खैरी के ग्राम चमरवाह के ग्रामीणों द्वारा चमारवाह है सामाजिक पंच मुकद्दाम, बुजुर्ग ग्रामीणों ने आपनी अधूरी सडक का कार्य पुरा करने है लिये पुरखा देव पूजा है इस अवसर पर समस्त ग्रामवासी की उपस्तिथि पर सरकार और सरकारी सिस्टम और अथाई नेताओ तक को अपनी नाराजगी जाहिर करने है लिये समस्त मुखियाओ द्वारा विधानसभा चुनाव के बहिस्कार करने मन बनाया लिया है और जागरूक नागरिको ने मना है कि हमे अभी तक सरकारी तंत्र और नेता नगरी लॉलीपॉप ही दिखती रही है केवल भाषण से काम नही चलेगा अब पहले काम होगा तब वोट मिलेगा!
वही लोगतंत्र का पर्व कहे जाने बाला चुनाव जिसमे लोग अपने समाज और गाँवो का विकास चाहती है और विकास के लिए अपना नेता चुनते है, की हमारा वोट हमे सडक, स्वास्थ, शिक्षा मूलभुत सुविधाएं दिलाएगा पर जब लोगो का सरकारी सिस्टम और नेताओं से ही विश्वास उठ जाये तो चुनाव का बहिस्कार करना ही उचित हैं इस मानसिकता से सब एक जुट होकर जनपद पंचायत नारायणगंज की पंचायत खेरी का चमरवाह ग्राम के निवासी लगातार 6 वर्षो से अधूरी सडक के लिये संघर्ष कर रहै है, सडक निर्माण हेतु ग्रामीणो ने दर्जनों आवेदन दिये आज इस देश में आम जनता की आवाज कोई नही सुन रहा है और उनके अधिकारों का हनन भी हो रहा है भारतीय आम नागरिक देश संघर्ष युवा संगठन द्वारा जनपद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन भी किया वहा से धरना हटाने के लिए केवल अस्वाशन ही मिला समय पर काम चालू ओर पुरा आज तक नही हुआ स्थानीय लोगों को बहुत सी समस्याएं है पर आज इनकी कोई सुनने वाला नही है और आवेदन निवेदन कर कर के थक चुके है अब हमारा भी समय आ रहा है समय में ग्रामीणों की नही सुनवाई होने के कारण सभी गुस्साय लोगो के द्वारा नेशनल हाइवे 30 बैठ कर हाइवे तक जाम कर दिया गया, लेकिन वहा भी सिर्फ विधायक और जनप्रतिनिधियों द्वारा आश्वासन ही मिला पर आज तक समस्या जस की तस बनी हुई है जिसके कारण लोगो ने फैसला लिया की जब नेता हमारी सुनते ही नही है तो उनको वोट करने का कोई मतलब नही इस लिये चुनाव का सभी ग्राम वासियों पूर्ण रूप से चुनाव बहिस्कार करने का फैसला लिया! आगामी विधानसभा चुनाव में गाँव से कोई भी व्यक्ति वोट नही देगा ये सभी ने मिल बैठ कर निर्णय लिया या फिर चुनाव से पहले हमारी सभी समस्याओं का जनप्रतिनिधि ओर जिला प्रशासन समाधान करें।ये हम मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज जिला प्रशासन और गैर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों तक पहुँचना चाह रहे है कि अभी समय है नहीं तो हमारे ग्राम से एक भी कोई बोट नही देगा।
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