दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला मध्यप्रदेश सरकार स्कूलों की स्तिथि सुधारने व शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु आदिवासी बाहुल्य शैक्षणिक संस्थानों में करोड़ो की राशि और बच्चों की पढ़ाई हेतु उच्च स्तर के शिक्षकों भेज रही है। लेकिन मंडला सहायक आयुक्त कार्यालय की कमीशन खोरी और अटेचमेंट की वजह से आदिवासी बाहुल्य जिले मंडला में नतो स्कूलों की हालात सुधर रही है और नाही शिक्षा का स्तर सुधर रहा है। जिसकी वजह से वर्तमान सरकार को बच्चों के अभिभाबको का काफी विरोध सहना पड़ रहा है और सायद इसी वजह से पिछले चुनाव में भाजपा को तीन जिले की तीन सीटों में से एक सीट पर ही संतुष्ट होना पड़ा है लेकिन उसके बाउजूद जिम्मेदार नेता व अधिकारी सिस्टम में सुधार नही कर रहे है। इसी अभयदान की वजह से भाजपा से जुड़े नेता भृष्टाचार कर अपनी जेब भरने के लिए खुलकर शिक्षा के मंदिरों को खोखला करते नजर आरहे है। हम बात कर रहे है जनजातीय विभाग से अधिकारी व ठेकेदारों की जिनके द्वारा जिले के शासकीय शैक्षणिक सनस्थों में लाखों करोड़ों खर्च करने मरम्मत का कार्य कराया जारहा है जो बहुत ही गुणवत्ता हीन सामिग्री लगाकर किया जारहा है और जबाब अधिकारी कर्मचारी सायद अपना कमीशन लेकर अपनी आंखों पर पट्टी बांधे बैठे है इसी वजह से इन कमीशन खोर जिम्मेदारों को शैक्षणिक संस्थाओ में हो रहा भृष्टाचार दिखाई नहीं देरहा। और संबंधित ठेकेदार मरम्मत के नाम पर लीपापोती में करने में लगें हुए है।
शैक्षणिक संस्थाओं की छत या दीवार पर चाँदी की परत लगाओ क्या
जिस तरह जनजातीय विभाग द्वारा मंडला जिले की शैक्षणिक संस्थानों की मरम्मत हेतु लाखों करोड़ो रुपये अपने चहेते ठेकेदारों को जारी किए है उससे प्रतीत होता है कि जनजातीय विभाग मंडला के सहायक आयुक्त व उपयंत्री परमार ठेकेदारों के साथ मिलकर जिले की संबंधित शैक्षणिक संस्थाओं की दीवार और छतों पर चांदी की परत लगाने वाले जिससें कभी भी उक्त संस्थाएं खराब नही होगी। ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि जिस तरह मरम्मत के नाम पर जन्ता के पैसों की होली खेली जारही है उससे कही कम पैसों आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए दर्जनों नये भवन बनकर तैयार हो जाते लेकिन उसके बाउजूद जनजातीय विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अधिकारी कर्मचारी सरकार को गुमराह कर शासकीय खजाने को खाली कराने में लगें है। वही क्षेत्रीय समाज सेवियों ने जिला कलेक्टर सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि इस तरह शासकीय पैसे को बर्बाद न करें और जो राशि जिले की संस्थाओं को मरम्मत हेतु दी गई उसका सत्तापन करते हुए तत्काल बापिश लिया जावें।
इनका कहना है
जिस जिस शैक्षणिक संस्थानों में मरम्मत का कार्य चल रहा है में वहाँ का विधिवत दौरा कर रहा हूँ अधिकांश संस्थाओं में गुणवत्ता हीन कार्य हो रहे है जिसके लिए हमने कई बार संबंधित ठेकेदारों को नोटिस जारी किया है लेकिन ये लोग भाजापा से जुड़े हुए ठेकेदार है और इनके कार्य से में भी संतुष्ट नही लेकिन मेरी मजबूरी है में कुछ नही कर सक्ता।
रमेश परमार- उपयंत्री जनजातीय कार्य विभाग मंडला
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