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Friday, June 30, 2023

प्रतिबंध के बाद भी बाजार में बिक रही मछलियां



दैनिक रेवांचल टाइम्स -  बिछिया जिले में प्रतिबंध के बावजूद भी मछली के शिकार और विक्रय पर कोई रोक नहीं लगी है भूआ बिछिया सरकारी आदेश केवल कागजों तक सिमट कर रह गया प्रतिबंध के बाद भी बाजार में बिक रही मछलियां

जिले में प्रतिबंध के बावजूद भी मछली के शिकार और विक्रय पर कोई रोक नहीं लगाई गई है सरकारी आदेश केवल कागजों तक सिमट कर रह गया है। मत्स्य विभाग के अधिकारी भी बाजार में निरीक्षण के लिए नहीं पहुुंच रहे हैं। इस कारण प्रतिबंध के बाद भी बेखौफ मछली की खरीदी बिक्री चल रही है।


सरकार ने मछलियों के प्रजनन काल और वंश वृद्धि को देखते हुए 16 जून से 15 अगस्त तक इनके विक्रय व शिकार पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए हैं। लेकिन आदेश का पालन कराने में खुद विभाग के अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं बाजार में मछली बेचने का काम करने वालों ने प्रतिबंध का हवाला देकर रेट में भी इजाफा कर दिया है। 

बारिश के महीने को मछलियों का प्रजननकाल मानते हुए शासन द्वारा जिले के नदियों, तालाबों,जलाशयों में दो माह के लिए मत्स्याखेट पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। बावजूद इसके नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए लोग चोरी छिपे मछली का शिकार कर बाजार में खुलेआम बेच रहे हैं। वहीं विभाग मुकदर्शक बना हुआ है। बारिश में कम से कम दो महीनों तक अंडायुक्त मछलियों के आखेट पर प्रतिबंध है। पर नियमों की परवाह कोई नहीं कर रहा है। यही वह समय है जब मछलियां लाखों करोड़ों की संख्या में अंडे देती है। जिससे नदी,तालाबों में मत्स्य बीज की बहुतायत हो जाती है और भारी मात्रा में मछलियों का उत्पादन होता है, लेकिन प्रजनन काल में निरंतर मत्स्याखेट से मत्स्य उत्पादन में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। फिर भी बाजार क्षेत्र में रोजाना बड़ी संख्या में शाम के समय मछलियां बिकने आ रही है काल और वंश वृद्धि को देखते हुए 16 जून से 15 अगस्त तक इनके विक्रय व शिकार पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए हैं। लेकिन आदेश का पालन कराने में खुद विभाग के अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं बाजार में मछली बेचने का काम करने वालों ने प्रतिबंध का हवाला देकर रेट में भी इजाफा कर दिया है। 

बारिश के महीने को मछलियों का प्रजननकाल मानते हुए शासन द्वारा जिले के नदियों, तालाबों,जलाशयों में दो माह के लिए मत्स्याखेट पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। बावजूद इसके नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए लोग चोरी छिपे मछली का शिकार कर बाजार में खुलेआम बेच रहे हैं। वहीं विभाग मुकदर्शक बना हुआ है। बारिश में कम से कम दो महीनों तक अंडायुक्त मछलियों के आखेट पर प्रतिबंध है। पर नियमों की परवाह कोई नहीं कर रहा है। यही वह समय है जब मछलियां लाखों करोड़ों की संख्या में अंडे देती है। जिससे नदी,तालाबों में मत्स्य बीज की बहुतायत हो जाती है और भारी मात्रा में मछलियों का उत्पादन होता है, लेकिन प्रजनन काल में निरंतर मत्स्याखेट से मत्स्य उत्पादन में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। फिर भी बाजार क्षेत्र में रोजाना बड़ी संख्या में शाम के समय मछलियां बिकने आ रही है

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