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Saturday, June 17, 2023

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग बना राजनीति और नेताओं का अड्डा...





रेवांचल टाईम्स - मण्डला सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला मण्डला राजनीति और नेताओं का अड्डा बना हुआ है। जहां नेताओं द्वारा अपने मनचाहे रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से नियुक्त कराया जाता है। मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लिंगा पोंडी का जहां मण्डला बीआरसी के भांजी का नेता-मंत्रियों और सत्ता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग विजय तेकाम से सांठगांठ कर फर्जी नियुक्ति करा दिया गया है।मामले की जांच को लेकर जब शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत दर्ज कराई एवं शिकायत पत्र दिया गया तो मामले को जांच के नाम पर टाल दिया गया वहीं दूसरी बार फिर जांच प्रतिवेदन का जायजा मांगने पर सहायक आयुक्त का कहना है कि जांच बीईओ द्वारा किया गया है,बीईओ का कहना है कि जांच प्रतिवेदन सहायक आयुक्त के पास है। आखिर सच्चाई समझ में नहीं आ रहा है कि सहायक आयुक्त और बीईओ जैसे जिम्मेदार शासकीय अधिकारियों की ऐंसी कौन सी नस है जो नेताओं ने दबा रखी है और ये अधिकारी उन नेताओं के इशारे में इस तरह खुलेआम भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग विजय तेकाम को आम जनता, शासकीय कर्मचारी तथा पत्रकारों से मिलने की फुरसत नहीं है कभी मीटिंग,कभी वीसी,कभी कलेक्टर मेडम, कभी दौरा आये दिन व्यस्तता रहती है वहीं सहायक आयुक्त विजय तेकाम अधिकांश समय अपने दफ्तर में नेताओं के साथ बैठकर अटैच और फर्जी नियुक्ति की कार्य योजना तैयार करते नजर आते हैं।इसके पहले भी मण्डला जिले में आदिवासी जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा नेताओं के साथ मिलकर करोड़ों रुपए का गबन करके नजदीकी दूसरे जिले का बंटाधार करते नजर आ रहे हैं, जिनके द्वारा जिले के चर्चित नेता के साथ सांठ-गांठ कर शिक्षा के नाम पर खुलेआम भ्रष्टाचार किया गया है और आज स्वयं की सबसे महंगी स्कूल खोले हुए हैं जहां दोनों की हिस्सेदारी से स्कूल को संचालित किया जा रहा है।

जांच प्रतिवेदन में अलग-अलग इस्तीफा पत्र आया सामने

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किए गए फर्जी नियुक्ति को लेकर किए गए शिकायत पर शिकायतकर्ता पर नेता एवं कार्यकर्ताओं ने दबाव बनाया वहीं सहायक आयुक्त द्वारा मामले को रफा-दफा करने का हर संभव प्रयास किया गया परन्तु शिकायतों का अंबार लग चुका था जो जिला कलेक्टर से लेकर जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष तक शिकायत दर्ज कराई गई नतीजा जिम्मेदारों ने अपनी करतूतों एवं फर्जीवाड़ा को छुपाने को लेकर पंचायत द्वारा दिए गए इस्तीफा एवं अनापत्ति प्रमाण-पत्र को फर्जी तरीके से तैयार कर जांच प्रतिवेदन में संलग्न कर दिया गया जबकि सचिव-सरपंच का कहना है कि हमारे द्वारा इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किए गए इस फर्जीवाड़ा और फर्जी जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट होता है कि विभाग के अधिकारियों और जिम्मेदारों द्वारा जानबूझकर अपने भ्रष्टाचार को छुपाने तथा अपने आकाओं को बचाने को लेकर यह फर्जी जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।

इनका कहना है-----

01-पंचायत से पुनः इस्तीफा पत्र एवं अनापत्ति प्रमाण-पत्र की दोनों काॅपी मंगाकर पुनः जांच की जावेगी।

कल्पना नामदेव

बीईओ मण्डला।

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