खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाने का सही तरीका जाने
दैनिक रेवांचल टाइम्स - शहपुरा जैविक खेती आज की मांग है जीवन स्वास्थ्य व तन्दूरूस्थ तभी बन सकता है जब भोजन रासायन मुक्त हो बरना व्यक्ति कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाते है ।
इन सब को देखते हुए भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष व जैविक कृषि विशेषज्ञ बिहारीलाल साहू कृषको को जैविक खेती करने का प्रशिक्षण देते है और जैविक उत्पाद का खेती में अधिक उपयोग करने का सलाह भी देते है ।
खेती की शुरुआत मिट्टी परीक्षण से शुरू होती है किस मिट्टी में कौन सा तत्व है या नही यह जानना बहुत जरूरी होता है और उस तत्व को जैविक विधि से कितने मात्रा में डालना है इसे भी जानना बहुत जरूरी है जिससे फसल की पैदावार अधिक हो सके यदि मिट्टी में किसी तत्व की कमी है तो उसको बोनी करने से पूर्व पूरी तैयारी की जा सके ।
इसलिए सभी किसान बंधुओ को मिट्टी परीक्षण आवश्यक रूप से करवाना चाहिए।
जाने मिट्टी परीक्षण का सही तरीका
सबसे पहले खेत के चारो कोने के किनारे एवं बीच खेत से छः इंच नीचे की मिट्टी लकड़ी के किसी यंत्र से खोदकर निकालना चाहिए फिर सभी मिट्टी को मिलाकर एक थैली में भरकर मृदा परीक्षण केंद्र में ले जाना चाहिए परीक्षण करवाने के पश्चात जिस तत्व की कमी पाई जाती है उसे जैविक उत्पाद जैसे जीवामृत, घनजीवामृत,केचुआ खाद, वर्मीवाश, कम्पोस्ट खाद, पंचगव्य,गोकृपा अमृत आदि को डालकर मिट्टी को अच्छे से बना लेने से फसल की पैदावार अधिक होती है।
और जैविक फसल होने से स्वास्थ्य में भी दुष्परिणाम नही पडता है ।
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