मण्डला 11 जून 2023
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में सरस्वती धुर्वे रहती हैं, उनकी उम्र 38 साल है और 22 वर्ष की उम्र में शादी होने के बाद से वो अपने पति के साथ रही हैं। सरस्वती की जिंदगी भी गाँव की बाकी महिलाओं की तरह है, कभी कभार ही बाजार जाती हैं। गाँव की सीमा से निकलना मुश्किल से ही हो पाता है। रोजगार के लिए पति अलग-अलग शहरों में जाते रहते हैं और घर की पूरी जिम्मेदारी सरस्वती के कन्धों पर है। घर का राशन, बच्चों की फीस, इलाज सबकुछ पति के भेजे पैसों पर निर्भर रहता है। एक बार शुक्रवार के दिन सरस्वती का बेटा बीमार पड़ गया, पति से बात हुई लेकिन बैंक बंद होने के कारण पैसे आ पाने मुश्किल थे। दवाई के लिए कम से कम 500 रुपयों की जरुरत थी लेकिन सरस्वती के पास मुश्किल से 200 थे। कुछ पैसों के लिए सरस्वती को रिश्तेदारों के पास जाना पड़ा, लेकिन पैसे का इंतज़ाम नहीं हो पाया। बेटा तीन दिन घर में बीमार पड़ा रहा, पानी की पट्टियों से उसका इलाज करने की कोशिश की और सोमवार को जब बैंक खुले तब कहीं बेटे को हॉस्पिटल लेकर गई।
शनिवार की शाम जबलपुर के गैरिसनग्राउंड में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की राशि का वितरण कर रहे थे, सरस्वती भी सैकड़ों महिलाओं के साथ सभास्थल पर थीं। उनका भी चयन ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के लिए हुआ है और एक क्लिक के बाद उनके खाते में 1000 रूपए उनके भाई शिवराज ने डाले हैं। अपनी ये कहानी सुनाते हुए सरस्वती के आँखों में आंसू आ जाते हैं, वो कहती हैं कि अब कभी दुबारा मेरा बेटा कुछ रुपयों के लिए इलाज से दूर नहीं रहेगा। अब कभी मुझे पैसों के लिए किसी और के पास हाथ नहीं फैलाने होंगे। अब मैं भी अपने भाई के कारण पैसे वाली हो गई हूँ, इन पैसों को जोड़कर अपना कुछ काम शुरू करुँगी, ये मेरे पैसे हैं।
ये कहानी सिर्फ सरस्वती की नहीं है, ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के रजिस्ट्रेशन शुरू होने के तीन माह में प्रदेश भर की सवा करोड़ बहनों ने अपने आवेदन जमा किये, 1.25 करोड़ बहनों के खाते में कुल 1209.64 करोड़ रूपए की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से भेजी गई। ये बहनें निम्न और मध्यम आय परिवारों की हैं। आज से 5-6 साल पहले तक इनमें से ज्यादातर के पास बैंक अकाउंट भी नहीं था, लेकिन पिछले कुछ सालों में इनकी कहानी बदल गई है। पहले प्रधानमन्त्री ने इन्हें जनधन खाता देकर सशक्त बनाया और अब मुख्यमंत्री हर महीने इनके खाते में पैसे भेज रहे हैं।
धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी राशि
शिवराज सिंह चौहान पूरे देश में अपनी नारी सशक्तिकरण की योजनाओं के लिए जाने जाते हैं। उनकी बनाई लाड़ली लक्ष्मी योजना ने लाखों बेटियों को मजबूत बनाया है। इस योजना का प्रभाव इतना सफल था कि मध्यप्रदेश का लिंगानुपात सही हो गया और अब इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया है। पहली किश्त बहनों के अकाउंट में भेजते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ’मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ का लाभ लेकर बहनें मजबूत होंगी, वे अब मजबूर नहीं रहेंगी। योजना में प्रति माह 1000 रूपये की राशि देने के प्रावधान में संशोधन कर बहनों को क्रमशः बढ़ी हुई राशि का भुगतान किया जाएगा। आवश्यक वित्त व्यवस्था के फलस्वरूप योजना में 1000 रूपये के स्थान पर क्रमशः 1250 रुपए, इसके बाद 1500 रूपए, फिर 1750 रूपए, फिर 2 हजार रूपए और इसके बाद 2250 रुपए, 2500 रूपए और 2750 रूपए करते हुए राशि को 3 हजार रूपए तक बढ़ाया जाएगा।
किसी सुदूर गाँव में रहने वाली एक बहन के लिए ये राशि कम नहीं है, इस पैसे से वो अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। वो स्वयं और अपने बच्चों के लिए पोषण आहार ले सकती है, बच्चों की फीस भर सकती हैं, घर के छोटे-मोटे खर्चों के लिए स्वतंत्र हो सकती हैं। सबसे बड़ी बात है कि अब उसे अपनी जरूरतों के लिए किसी का रास्ता देखने की जरुरत नहीं होगी।
21-साल की बहनों को भी मिलेगा भाई का साथ
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ वर्तमान में 23 से 60 वर्ष की विवाहित बहनों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्रम के दौरान घोषणा कि की जल्दी हीं 21 वर्ष की विवाहित बहनों को भी योजना के लिए पात्र माना जाएगा। यह कदम बड़ी संख्या में और भी बहनों को आत्मनिर्भर बनाएगा। जिस तरह से घोषणा के तीन माह के अन्दर इस योजना को मूर्त रूप दिया गया है, वह महिलाओं के प्रति सरकार की गंभीरता को दिखाता है। इस योजना को युद्ध स्तर पर लगकर जमीन पर उतारने की मुख्यमंत्री की जिद ये बताती है कि वो प्रदेश की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रदेश की महिलाओं को अपनी बहन और बच्चों को भांजे-भांजी कहने वाले मामा शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की सरकार ने नारी सशक्तिकरण के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, स्व-सहायता समूहों द्वारा आर्थिक उन्नयन जैसे अनेक सफल प्रयोग किये हैं। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का यह नया प्रयोग भी प्रदेश की महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा। अपनी कहानी सुनाते-सुनाते सरस्वती के चेहरे पर आने वाले खुशी के आंसू प्रदेश की सभी महिलाओं की तरफ से शिवराज सिंह को आशीर्वाद है। हर माह तीन हजार रूपए प्रदेश की महिलाओं के लिए एक ऐसे नए युग की शुरुआत करेंगे जो मध्यप्रदेश को नारी विकास के नए पायदान पर लेकर जायेगा।
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