हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है और साल में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं. प्रत्येक एकादशी का अपना एक खास महत्व होता है. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी कहते हैं और इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 15 मई को ज्येष्ठ माह की एकादशी तिथि यानि अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस व्रत को करने वाले जातक को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है. इस दिन व्रत करने वाले जातक की हर मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं अपरा एकादशी का शुीा मुहूर्त और पूजन विधि.
अपरा एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 15 मई को सुबह 2 बजकर 46 मिनट पर शुरू हुई और इसका समापन 16 मई को सुबह 1 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. इसलिए अपरा एकादशी का व्रत आज यानि 15 मई को रखा जाएगा. इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 28 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा दोपहर 2 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक विजय मुहूर्त है जो कि पूजा के लिए शुभ माना जाता है.
अपरा एकादशी पूजन विधि
अपरा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें. इसके बाद स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें व्रत का संकल्प लें. अब घर के मंदिर में भगवान विष्णु और बलराम की प्रतिमा, फोटो या कैलेंडर के सामने दीपक जलाएं. इसके बाद विष्णु की प्रतिमा को अक्षत, फूल, मौसमी फल, नारियल और मेवे चढ़ाएं. विष्णु की पूजा करते वक्त तुलसी के पत्ते अवश्य रखें. इसके बाद धूप दिखाकर श्री हरि विष्णु की आरती उतारें. अब सूर्यदेव को जल अर्पित करें. एकादशी की कथा सुनें या सुनाएं. व्रत के दिन निर्जला व्रत करें. शाम के समय तुलसी के पास गाय के घी का एक दीपक जलाएं . रात के समय सोना नहीं चाहिए. भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए. अगले दिन पारण के समय किसी ब्राह्मण या गरीब को यथाशक्ति भोजन कराए और दक्षिणा देकर विदा करें. इसके बाद अन्न और जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं.रेवांचल टाईम्स इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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