रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला होने के चलते किसी भी बैध को निजी स्वार्थ के चलते उसे अबैध बना कर ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा कर शासन को चुना लगा रहे है वही नैनपुर में अवैध कालोनी और मुर्गी फार्म राइस मिल वालो ने सिंचाई विभाग की गहरी साठ गांठ चलते और अपने निजी स्वार्थ को लेकर नियम विरुद्ध नहर में बनावा दी पुलिया।
वही प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते है। की घोटाले बाजों को जेल भेजना है। मगर उनके अधिकारी उनकी ही आड़ लेकर कमीशन घपले बाजी में करोड़ों कमा रहें है। और मुख्यमंत्री जी की बात को दर किनार करते नजर आ रहे है। इसी तर्ज पर नैनपुर नगर सिंचाई विभाग के अधिकारी इतने सेटिंग बाज है। की नियमों को ताक में रख कर और उनके चहेतों को लाभ पहुँचाने को लेकर नहर में खुले आम पुलिया बनावा दी और जब शिकायत हुई तो कार्यवाही करने के बजाए शिकायतकर्ता पर सिंचाई विभाग के एसडीओ और अन्य कर्मचारी घर के बार बार चक्कर काटते नजर आ रहे है। वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग के अधिकारियो ने मुर्गी फार्म अवैध कालोनी और राइस मिल वालो गहरी साठ गांठ की है। और नहर में अपनी मौन सहमति से पुलिया का निर्माण करवा दिया है। मुर्गी फार्म मालिक ने बिना अनुमति लिए बक्यादा नहर में पाइप डालकर यह पुलिया का निर्माण कर लिया है। वही सिंचाई विभाग के अधिकारी नहर पर पुलिया डालने वालों पर कार्यवाही करने से कतराता रहे हैं। तो वही दूसरी और सिंचाई विभाग के एसडीओ से लेकर सारे कर्मचारी शिकायतकर्ता के घर जाकर शिकायत बंद करने का लेकर लालच देने के साथ साथ मानसिक और सामाजिक दबाव बना रहे है।
एसडीओ साहब बार बार करते है। फोन बोलते है। शिकायत बंद कर दो नही तो...
वही शिकायतकर्ता संजय कुमरे ने बताया की सिंचाई विभाग के अधिकारियों पैसों की साठ गांठ से पोल्ट्री फार्म अवैध कालोनी और राइस मिल जाने के लिए पुलिया तो बनवा दिया दी मगर जब शिकायत हुई तो उल्टा जांच करने के बजाए शिकायतकर्ता के ऊपर शिकायत बंद करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है बार-बार शिकायतकर्ता संजय के घर एसडीओ धुर्वे ने अन्य कर्मचारियों को पहुंचाया जा रहा है। वही शिकायतकर्ता संजय कुमार कुम्हरे के पास एसडीओ धुर्वे साहब बार-बार फोन कर कहते है।की शिकायत वापस कर लो अपन समझ लेंगे जिससे साफ होता है। अधिकारियों ने नहर में पुलिया डालने के लिऐ मोटी रकम ली है। जिसके कारण शिकायतकर्ता शिकायत पर कार्यवाही करने बजाय शिकायत को बंद करने मामले में अधिक जोर दिया जा रहा है।
क्या कहते है। अधिनियम....
सिंचाई विभाग की नियमावली के अनुसार नहर निर्माण होने बाद नहर में कोई भी निर्माण कार्य नही किया जा सकता है। अगर निर्माण कार्य किया जाना है। तो सिंचाई विभाग के मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन से निर्माण की सहमति लेनी पड़ती है। मगर नैनपुर में सिंचाई विभाग के अधिकारी पैसा लेकर नहर में पाईप डाल कर पुलिया का निर्माण करवा रहे है। वही नहर के दोनों तरफ छोटी नहर में 15/15फिट खाली जगह छोड़ी जाती है। मगर नैनपुर डिविजन में एसडीओ और विभाग की अनदेखी के चलते नहर की जगह में अवैध कालोनियों वालो ने नहर की भूमि पर निर्माण कर नहर में पुलिया का निर्माण किया जा रहा है।
इनका कहना है।
मेरे द्वारा नहर में बनी पुलिया की शिकायत की गई है। मगर सिंचाई विभाग नैनपुर के अधिकारी कार्यवाही नही कर रहे है। और मुझे शिकायत बंद करने के लिए मानसिक दबांब बना रहे है।
संजय कुमरे शिकायतकर्ता
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