दैनिक रेवांचल टाइम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के विकास खण्ड मवई में और आसपास के ग्रामीण का दूरस्थ इलाका सदा से ही उपेक्षा का शिकार रहा है | सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना 'नल जल योजना 'यहां आज तक सफल नहीं हो सकी । इससे पूर्व तो रहवासियों को कुआं और बावली आदि से पानी लाकर अपना काम चलाना पड़ता था | कुएं में पानी ना होने से अब हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ता है | हैंडपंपों में भारी भीड़ के चलते अधिक परेशान होना पड़ता है |
शुद्ध पेयजल की सुविधा मुहैया कराने लगभग 23 साल पहले मवई में 5 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी निर्मित है और इसके साथ ही सप्लाई के लिए बिछी हुई पाइपलाइन | दुर्भाग्यवश सप्लाई के लिए किया गया बोरवेल पर इतनी क्षमता से पेयजल उपलब्ध नहीं है कभी मोटर की खराबी तो कभी और कुछ बहाना |कभी यहां के रहवासियों को पर्याप्त पानी नहीं मिल सका । एक समय मिलता भी था तो कभी चार छ : बाल्टी बस वह भी कुछ समय के पश्चात बंद हो चला जो आज तक चालू नहीं हो सका ।
आम जनता को जनार्दन कहने वाले हमारे जनप्रतिनिधियो से जाने कितनी बार इस विषय में चर्चा हो चुकी 'कभी पीएचई विभाग के आला अधिकारियों से भी इस विषय पर चर्चा हुई लेकिन समस्या जस की तस | अब तो ऐसा लगता है मानो हमारे जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों के मुखारविंद से टपकने वाली वादों की रसमलाई से ही जनता को तृप्त हो जाना चाहिए | इन समस्याओं का समाधान ढूंढने मुफलिस के पास साहस नहीं ' मध्यमवर्ग के पास फुर्सत नहीं ' और आला रईसों को इसकी जरूरत नहीं 'इसलिए समस्या ज्यों की त्यों रह जाती है | सप्लाई की छमता को बढ़ाने के लिए नए बाजार के पास पानी की दूसरी टंकी निर्माणाधीन है .वह भी कब तक उपयोगी सिद्ध हो पाती है कुछ कहा नहीं जा सकता | ग्रीष्म ऋतु की प्रचंडता से हलाकान लोग कोई आटो से कोई साइकिल से कोई ठेलिया से पानी ढो रहे है। इन समस्याओं से निपटने के लिए जिले में टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध हैं क्या इन नंबरों पर शिकायत दर्ज करने से समस्या का समाधान हो सकता है ? भीषण गर्मी में हर तरफ पानी की त्राहि-त्राहि मची हुई है ऐसे में प्रशासन के आला अधिकारियों का ध्यान इस ओर केंद्रित हो पाया है ? आखिर 23 सालों में नल जल योजना के सफल ना होने का कारण कहां छुपा है ?
मवई और आसपास के क्षेत्र के हम सभी आमजन माननीय कलेक्टर महोदय जिला प्रशासन मंडला से अपेक्षा करते हैं कि इस विषय को संज्ञान में लेकर समस्या का समाधान करें ।
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