राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के
प्रतिनिधि एवं कलाकार होंगे शामिल
केन्द्रीय मंत्री श्री
कुलस्ते ने सभी से की उत्सव में शामिल होने की अपील
मण्डला 26 मई 2023
मंडला जिले की पहचान बन चुके आदि उत्सव का आयोजन 27 एवं 28 मई 2023 को हो रहा है। यह आयोजन माँ नर्मदा के तट एवं गोंडवंशीय
गौरवशाली इतिहास के साक्षी रामनगर में हो रहा है। जनजाति संस्कृतियों के महासंगम
के 2 दिवसीय आयोजन आदि उत्सव में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के
जनजातीय प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि एवं ख्यातिलब्ध लोक कलाकार शामिल होंगे। 2 दिवसीय आदि उत्सव में मंडला, डिंडौरी, सिवनी, बालाघाट के जनजातीय कलाकारों
के अलावा देशभर के कलाकार भी भाग लेंगे। 27 मई को आयोजन के पहले
दिन विधानसभा अध्यक्ष गोवा रमेश तावड़कर मुख्य अतिथि होंगे। इस दिन जिले के प्रभारी
मंत्री बिसाहूलाल सिंह तथा म.प्र. सरकार के मंत्री प्रेमसिंह पटेल शामिल होंगे।
आदि उत्सव के आयोजन के सूत्रधार केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री
फग्गन सिंह कुलस्ते हैं, जिनके मार्गदर्शन में उत्सव का आयोजन 2016 से लगातार जारी है।
देश का हर आदिवासी मूल रूप से एक - श्री कुलस्ते
आदि उत्सव के आयोजक एवं मार्गदर्शक केन्द्रीय इस्पात एवं
ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंडला जिले सहित प्रदेश एवं
देशवासियों से इस 2 दिवसीय जनजातीय उत्सव में शामिल होने की अपील की है।
उन्होंने अपने आमंत्रण संदेश में कहा है कि इस जनजातीय महासंगम में देश के
कोने-कोने से कलाकार एवं जनजातीय प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश
के अलग-अलग स्थानों पर रहने वाली जनजाति भौगोलिक एवं सांस्कृतिक रूप से अलग हो
सकती है किन्तु मूल रूप से हर आदिवासी एक ही है। आदि उत्सव में अधिक से अधिक
पधारकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में हर वर्ग, हर समुदाय, हर व्यक्ति सहयोग करें।
प्रथम दिवस के कार्यक्रमों की रूपरेखा
प्राप्त जानकारी के अनुसार 27 मई 2023 से प्रारंभ हो रहे आदि उत्सव के पहले दिन प्रातः 11 बजे उत्सव का शुभारंभ होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
विधानसभा अध्यक्ष गोवा रमेश तावड़कर उत्सव में उपस्थित होंगे। स्वागत समारोह के
पश्चात आयोजन स्थल पर स्वास्थ्य शिविर का अवलोकन अतिथियों द्वारा किया जाएगा।
स्वास्थ्य शिविर में जबलपुर मेडीकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सक रहेंगे। आदि उत्सव
में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां भी होगी। साथ ही पेसा एक्ट पर परिचर्चा का आयोजन
होगा। आयोजन स्थल पर जनजातीय जीवन की झलकियां प्रस्तुत करती हुई प्रदर्शनी भी लगाई
गई हैं। केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में डिजीटल इंडिया, लेंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम का परिचय कराने वाला
स्टॉल भी लगाया जा रहा है। 27 मई को उत्सव में जिले के लोक
कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ कार्यक्रम समाप्त होगा।
समापन दिवस पर संगोष्ठियाँ एवं सम्मान
27 एवं 28 मई 2023 को आयोजित हो रहे 2 दिवसीय आदि उत्सव का
समापन 28 मई की शाम को होगा। समापन दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि
केन्द्र सरकार के जनजातीय कार्य राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडू होंगे। इस दिन म.प्र.
सरकार की जनजातीय कार्यमंत्री मीनासिंह मांडवे भी शामिल होंगी। समापन दिवस के अवसर
पर प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक गोंडकालीन राजा एवं
जनजातीय महापुरूषों के इतिहास, पुरातत्व एवं विकास पर आधारित
संगोष्ठी का आयोजन होगा। इस संगोष्ठी में इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के विद्वान, स्थानीय विशेषज्ञ तथा अलग-अलग क्षेत्र के जानकार शामिल
होंगे। दोपहर 1 बजे से 1:30 बजे तक अलग-अलग क्षेत्रों
में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया जाएगा।
पद्मश्री हस्तियाँ भी होंगी सम्मानित
आदि उत्सव के समापन दिवस पर शामिल हो रहे जनजातीय गौरव
पद्मश्री अर्जुन धुर्वे, पद्मश्री जोधईया बाई तथा पद्मश्री ऊषा वारले का भी अतिथियों
द्वारा सम्मान किया जाएगा। पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे डिंडौरी जिले के चाड़ा के
प्रख्यात लोक कलाकार हैं। उमरिया जिले की जोधईया बाई उईके ट्राईबल पेंटिंग में बड़ा
नाम है। छत्तीसगढ़ की ऊषा वारले प्रख्यात पंडवानी गायिका है। सम्मान समारोह के
पश्चात पंडवानी गायिका ऊषा वारले की प्रस्तुति भी होगी। इसके पश्चात जिले के
मेधावी विद्यार्थियों एवं खिलाड़ियों का मंच से सम्मान होगा तथा शासन की अलग-अलग
योजनाओं से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों को हितलाभ वितरण भी होगा। दोपहर 3 से 5 बजे तक लोक कलाकारों की
प्रस्तुति होगी। शाम 5 बजे 2 दिवसीय सांस्कृतिक महासंगम
के पर्व आदि उत्सव का समापन होगा।
जनजातीय राज परिवारों के प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
2 दिवसीय आदि उत्सव के दौरान देशभर के अलग-अलग स्थानों पर शासन
करने वाले जनजातीय राज परिवारों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हर्रई जागीर के राजा कमलेश प्रताप शाह तथा कामिनि शाह, मदनपुर ढिलवार के कुंवर भीष्मशाह तथा कुंवर तिलकशाह, भंडारा महाराष्ट्र के राजा नितेश प्रताप सिंह, सरेखा के ठाकुर पुष्पेंद्र प्रताप सिंह, मर्रई के निर्मलशाह, माहुलझिर जागीर के ठाकुर
रोहितभान शाह, झिरिया इमलई के बालबहादुर सिंह, सुंदरपुर के त्रिलोक सिंह तथा मछेरा के गनपतशाह शामिल
होंगे।
No comments:
Post a Comment