दैनिक रेवाचंल टाईम्स - मण्डला मण्डला जिला मुख्यालय सहित जिले भर में हो रही लगातार बरसात से खरीदी केंद्रों में रखा हुआ गेहूं गीला हो रहा है जिससे किसान बंधु काफी चितिंत एवं परेशान नजर आ रहे हैं । अधिकांश खरीदी केन्द्र खेतो में बना दिया गया है जहॉं पर किसानों को अपनी उपज सुरक्षित रखने के लिए जिला प्रशासन एवं समिति स्तर पर संसाधन उपलब्ध नहीं है । अधिकांश समितियों में खरीदी प्रभारीयों को पन्नी एवं त्रिपाल की व्यसव्था स्वंय के व्यय पर करने को कह दिया जाता है । समिति की ओर से पानी से बचाव के लिए संसाधन खरीदी प्रभारीयों को उपलब्ध नहीं कराए जा रहे है । अधिकांश खरीदी केन्द्रों का किसानों से खरीदा गया गेहूँ खुले में रखा होने के कारण स्टेको के नीचे की एक परत की बोरियॉं गीली हो गई है जिसमें से अधिकांश बोरियों में गेहूँ उग कर आ गया है इसी प्रकार किसानों का हाल भी यही है । कहीं कहीं खरीदी केन्द्रों में किसान परेशान होकर अपना गेहूँ व्यापारीयों को 1900 से 2000 रूपये प्रति क्विंटल में बेचने को मजबूर हो गए है । कुछ खरीदी केन्द्रो में किसानों के द्वारा अपनी उपज 10 से 15 दिन पहले तुलाई करके बेच दिए है परन्तु वेयर हाऊस गोदामों के मालिकों के द्वारा गुणवता को लेकर अपनी गोदामों में गेहूँ जमा नहीं किए जाने के कारण उन किसानों का भुगतान आज तक नहीं आया है । इसी प्रकार का हाल हीरापुर केन्द्र का है जहॉं पर खरीदी प्रभारी एवं किसानों का गेहूँ खराब एवं उगने लगा है जिससे में भविष्य खरीदी प्रभारी एवं किसानों को बडी राशि का आर्थिक क्षति के रूप में का सामना करना पडेगा । उसका जिम्मेदार कौन होगा पीडित किसान जिला प्रशासन से पूछना चाह रहे है । किसानों का कहना है कि उन्हे अपनी उपज गेहू को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए खरीदी केन्द्रों में परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है उनकी खोज खबर लेना वाला कोई नहीं है ।
इनका कहना
केन्द्र में गेहूँ को ढ़ांकने के लिए फटटे एवं त्रिपाल की व्यवस्था की गई गेहूँ का परिवहन नहीं होने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है ।
रामप्रसाद भावंरे खरीदी प्रभारी
हीरापुर केन्द्र लेम्पस नैनपुर ।
मौसम खुला होने के कारण मैने अपनी कृषि उपज गेहूँ हीरापुर केन्द्र पर लाया था बरसात होने के कारण तुलाई का कार्य बंद होने से मेरी उपज यहॉं पर रखी हुई है समस्या उत्पन्न हो रही है ।
सतीश वानखेडे झिलवानी
कृषक झिलवानी
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