रेवांचल टाईम्स - मण्डला आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में भारत सरकार के मंत्री और 20 सालों से सासंद होने के बाद भी जिस जिले के सप्लायर पेयजल परिवहन के भुगतान को लेकर परेशान हो तो अंदेशा लगाया जा सकता है कि जिले का कितना विकास हुआ होगा 27 को मुख्यमंत्री के आने के बाद से अचानक ही फग्गन सिंग कुलस्ते के द्वारा जिला विकास एवं समन्वय समिति की बैठक ली जिसमे विधायक मंडला देवसिंह सैयाम, विधायक निवास डॉ. अशोक मर्सकोले, विधायक बिछिया कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना, जिला पंचायत सीईओ रानी बाटड, एसपी रजत सकलेचा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जनपद प्रतिनिधि तथा संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे जिसमे केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंग कुलस्ते ने ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर पेयजल संकट एवं पेयजल परिवहन की जानकारी लेते हुए कहा कि आगामी 3 माह तक पेयजल की समस्या के निराकरण के लिए हरसंभव प्रयास करें। मगर पिछले साल गांव में पानी पहुचाये वालो के भुगतान के लिए कोई बात नही की गई पिछले साल से भुगतान के लिए भटक रहे सप्लायरों ने इस बार निर्णय लिया है कि 27 को मुख्यमंत्री के आगवन पर उनको भुगतान किए जाने को लेकर ज्ञापन सौपेंगे और इस बार ग्राम पंचायतों में पेयजल परिवहन जब तक नही करेगे तब तक उनका पिछला भुगतान नही हो जाता है साथ ही सरपंच संघ के द्वारा भी पेयजल के भुगतान को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा भुगतान न होने के कारण सप्लायरों में काफी गुस्सा है और वह इस बार पेयजल परिवहन नही करते है तो गांव में लोग पानी को तरस जायेगे ।
अभी से पंचायतो में लोग पानी पानी को मोहताज हो रहे है जिसके कारण गांव में अवस्था होने लगी है पंचायतों में लोग प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हो गए है और प्रदूषित पानी पीने से जल्द ही बीमारी सम्पूर्ण जिले को अपने ग्रास में ले लेगी जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होनी तय है ।
अगर इस बार सप्लायरों ने पेयजल परिवहन नही किया तो पानी का मुद्दा भाजपा को ले डूबेगा और इसका कारण केवल पेयजल परिवहन का भुगतान समय पर न होना सामने आ रहा है अगर सप्लायरों का भुगतान समय पर कर दिया जाता तो गांव गांव पानी फिर से पहुँच जाता और लोगो को प्रदूषित पानी नही पीना पड़ता ।अब देखना है कि केंद्रीय मंत्री सहित जिला प्रशासन कैसे इस बार पानी की समस्या से निजात पाता है क्योंकि इस बार पेयजल परिवहन होने की संभावना नहीं दिख रही है
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