नंद किशोर विसेन घोटाले बाज कर्मचारी
रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के विकास खण्ड नैनपुर के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा की जा रही थी। जांच मगर तक कोई कार्यवाही नही हुई।
वही विगत दिनों पहले म.प्र.वेअरहासिंग कार्पोरेषन नैनपुर का घोटाला सभी के सामने उजागर हुआ था। जिला कलैक्टर को उच्च स्तर की जांच शुरू हुई जिसमें एसडीएम नैनपुर को जांच अधिकारी बनाया गया वही जांच भी शुरू हुई मगर आज तक जांच का क्या निराकरण हुए है। वो राज बनकर रह गया है। वही नैनपुर के शाखा प्रबंधक उज्जवल प्रताप सिंह तोमर एवं कर्मचारी नंदकिशोर बिसेन के द्वारा सूभेवाड़ा स्थित अन्नपूर्णा वेरहाउस में भण्डारित 15950 बोरी धान का भुगतान 08/02/23 से 14/02/23 तक किया गया परंतु इनके द्वारा शासकीय रिकार्ड में 10/02/23 तक का ही भुगतान दर्षाया गया साथ ही 28.75 क्विंटल कमी दशार्ई गई एवं 14/02/23 को भुगतान किये गये धान को रिकार्ड में नहीं लिया गया जो कि अनुचित है। जब इसकी शिकायत गोदाम संचालक द्वारा विभागीय स्तर पर की गई तब विभागीय अधिकारियों द्वारा इस घोटाले को नजरअंदाज किया गया। वही जानकारी के अनुसार उज्जवल प्रताप सिंह तोमर एवं कर्मचारी नंदकिशोर बिसेन ने कई जमाने भी जमकर घोटाला करते आ रहे है। मगर प्रशासन में बैठे अधिकारियों को चंद सिक्कों की खनक के आगे घोटाले बाजों को छोड़कर उनकी सह बढ़ती ही जा रही है। और घोटाले करने वाले अधिकारी करोड़पति हो चुके है।
जॉच करने वाले अधिकारियों को नही पता की जांच में क्या हुआ है।
विभागीय अधिकारियों के द्वारा इस संबन्ध में कई दिनों तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तब गोदाम संचालक नीलेश दुबे द्वारा दिनांक 21/03/23 को कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में अपनी शिकायत की गई तब कलेक्टर द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए एस.डी.एम. नैनपुर एवं जिला आपूर्ति अधिकारी मण्डला को जाॅच के निर्देष दिये गये। दिनांक 22/03/23 को एस.डी.एम. नैनपुर एवं जिला आपूर्ति अधिकारी मण्डला द्वारा म.प्र.वेअरहाउसिंग एवं लाॅजिस्टिक्स कार्पोरेशन नैनपुर आकर संबंधित मामले जाॅच की गई। इतनी सब घटना घटित होनेे के पश्चात भी संबंधित विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है साथ ही घोटाला करने वाले उज्जवल प्रताप सिंह तोमर एवं नंदकिशोर बिसेन को नैनपुर में पदस्थ करके रखा है। साथ जिन लोगो के द्वारा घोटाले करकर शासकीय खजाने का दुरूपयोग किया जा रहा है ।
और विभाग के अधिकारी उनके ऊपर मेहरबान है। जबकि तोमर द्वारा गोदाम संचालक को फोन में शिकायत वापस लेने के लिऐ बार बार दवाब बना रहा है। वही उज्जवल प्रताप सिंह तोमर द्वारा गोदाम संचालक को कही गई बाते सही साबित हो रही हैं। और गोपनीय जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन में बैठे जांच अधिकारी को लिफाफ मिलने के कारण मामले को दबाने में लगे है। मगर कब तक मगर जिस दिन राज उजागर होगा तो
इनका कहना है।
मेरी शिकायत पर जिला कलेक्टर के द्वारा एसडीएम नैनपुर को जांच अधिकारी बनाया गया था। मगर जॉच में क्या हुए कोई अधिकारी बताने के लिऐ तैयार नहीं है।
गोदाम संचालक नीलेश दुबे
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