रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य मण्डला जिले में भ्रष्टाचार की गति तेज होने का मुख्य कारण आला-अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचारीयों को जांच के नाम पर संरक्षण किया जाना है। जहां एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार, अवैध कारोबार, अपराध को लेकर दोषियों को तत्काल निलंबित करने और सजा देने की बड़ी-बडी़ बातें करके मासूम जनता को लुभाने और अपना वोट बैंक तैयार करने की रणनीति सजा रही है तो वहीं जिम्मेदारों द्वारा जानबूझकर भ्रष्टाचारीयों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है कभी जांच के नाम पर, तो कभी साक्ष्य प्रस्तुत करने के नाम पर, कभी स्थानांतरण के नाम पर, कभी नोटिस और कभी स्पष्टीकरण के नाम पर लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इस किए जा रहे मुंह देखा व्यवहार करने से देश को खोखला करने की रणनीति तैयार किया जा रहा है। जिला प्रोटोकॉल विभाग मण्डला में प्रोटोकॉल प्रभारी मदन देशमुख सहायक ग्रेड 02 द्वारा रिश्वत मांगने एवं करोड़ों का गबन मामले के सम्पूर्ण साक्ष्य अपर कलेक्टर श्रीमती मीना मसराम एवं उनकी जांच दल को प्रस्तुत किया जा चुका है जिसमें जांच दल एवं अपर कलेक्टर श्रीमती मसराम द्वारा मदन देशमुख द्वारा रिश्वत मांगने एवं शासकीय राशि अपने निजी बैंक खाते में आहरण एवं गबन करने के पुख्ता सबूत की जांच की गई है परन्तु जिम्मेदारों द्वारा जानबूझकर दोषियों को बचाने को लेकर यह जांच रुपी खेल खेला जा रहा है ताकि जांच में जुटे आला-अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचारीयों से मामले को मनचाहे मोटी रकम बसूल किया जा सके और जांच का आश्वासन दे-देकर कुछ समय बाद मामले को रफा-दफा किया जा सके।
मदन देशमुख रिश्वत एवं गबन मामले के मुख्य आरोपी हैं
जिला प्रोटोकॉल विभाग में प्रोटोकॉल प्रभारी मदन देशमुख सहायक ग्रेड 02 द्वारा रिश्वत मांगने एवं शासकीय राशि आहरण तथा गबन करने के मामले को मदन देशमुख की काॅल रिकाॅर्डिंग, बैंक खाता स्टेटमेंट, फर्जी तरीके से किए भुगतान के बिल - बाऊचर, शासकीय डीजल पर्ची के निजोपयोग से संबंधित साक्ष्य, विश्राम गृह के फर्जी भुगतान जैसे दर्जनों साक्ष्य कार्यालय कलेक्टर मण्डला के पत्र क्रमांक/शिका./2023/55 मण्डला दिनांक 22/02/2023 के तहत 28/02/2023 को अपर कलेक्टर श्रीमती मीना मसराम को सौंपा जा चुका है जिसे सील-चपरा कर अपर कलेक्टर द्वारा जांच की चादर पहनाकर डबल लाॅक में रखकर जांच की फाइल को टेबल-टू टेबल कभी स्वास्थ्य विभाग के नाम पर,कभी पुलिस विभाग रक्षित केन्द्र के नाम पर,कभी सीएम हेल्पलाइन पर गलत निराकरण दिखाकर,कभी बैठकों और दोरों की आड़ में मामले को घुमाया जा रहा है, नतीजा जिले में भ्रष्टाचार का स्तर दिनों -दिन बढ़ता जा रहा है।
जिला प्रोटोकॉल विभाग में इस शर्मशार कृत्य एवं रिश्वत तथा गबन-घोटाले का मामला जिले से लेकर प्रदेश तक सुर्खियों में बना हुआ है। प्रोटोकॉल विभाग में जिले के प्रभारी मंत्री के नाम शासकीय राशि आहरण करने का मामला लगभग एक वर्ष बीतने को आया परन्तु जांच अधिकारियों द्वारा साक्ष्य मिलने के बावजूद दोषियों को सजा नहीं दिया गया। वहीं जिम्मेदारों ने मामले में फंसे स्वयं के कलम को बचाने को लेकर एक ही बिल-बाऊचरों को तीन-तीन बार सेंग्शन किया गया है।
No comments:
Post a Comment