देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीमारी को लेकर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों में कहा गया है कि एंटीबायोअिक दवाओं का उपयोग तब तक नहीं करना चाहिए जब तक जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि ना हो जाए। बता दें कि बहुत से लोग सर्दी-जुुकाम, बुखार में खुद ही मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक दवाएं खरीदकर खा लेते हैं।
यह कहा गया दिशा निर्देशों में
सरकार की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि दवा लेने से पहले कोरोना संक्रमण के साथ अन्य स्थानिक संक्रमण की संभावना को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। हल्की बीमारी में स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही मंत्रालय ने उचित दूरी दूरी बनाए रखने, बंद जगहों पर मास्क के इस्तेमाल, समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहने को कहा है। बीमारी के लक्षणों पर नजर रखने, शरीर के तापमान की जांच कराते रहे और ऑक्सीजन में उतार-चढ़ाव पर भी निगरानी रखने की सलाह दी है।
ऐसी स्थिति में तुरंत दिखाएं डॉक्टर को
जारी संसोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर किसी को सांस में लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही अगर किसी को पांच दिन से तेज बुखार और खांसी हो तो भी डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। जोखिम वाले लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा गया है। मध्यम या गंभीर रोग के बढ़ने का खतरा हो तो रेमडेसिविर दवा पांच दिन तक लेने की सलाह दी गई है। इसमें पहले दिन 200 एमजी की और उसके बाद चार दिन 100 एमजी दवा लेने को कहा है।
इन दवाओं का ना करें सेवन
नेशनल टास्क फोर्स के मुताबिक, संशोधित गाइडलाइंस में लोपिनाविर-रिटोनाविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू), इवरमेक्टिन, मोलनुपिराविर, फेविपिराविर, एजिथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन जैसी दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। कोविड-19 पर राष्ट्रीय निगरानी समूह ने वयस्क कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग न करने की सलाह दी है।
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