रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले में इन दिनों गांव गांव में बेहताशा ईंट के भट्टे लग रहे है जिले हर गाँव मे बिना अनुमति के नदी नालों के किनारे और जगह जगह सरकारी भूमि को खोद कर मिट्टी ला रहे और बन रहे ईंट में जो भट्टो का संचालन किया जा रहा है उनमें हरे भरे पेड़ो की बलि दी जा रही है सरकार एक तरफ हर वर्ष हरियाली महोत्सव मनाती है और लाखों करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाती है पर जैसे जैसे पेड़ बड़े हो ही नही पाते और इन अबैध ईंट भट्टो का शिकार हो रहे है इन ईंट के भट्टो में अब जंगल भी सफाई अभियान चला रहे है।
वही जानकारी के अनुसार जिले के सभी जंगलों और नदी नालों और जंगलों के अस्तित्व अब खतरे में नजर आ रहे है और जिन्हें जो जिम्मेदार दी है वह अपने निजी स्वार्थों के चलते गांधी जी के तीन बन्दर बन बैठे हुए है।
वही मवई, बिछिया, मोतीनाला, नारायांगज, बीजाडांडी, जंगलों से लगे ग्रामों में इन अबैध ईंट भट्टो को रोकने वाला कोई नही वही जानकारी के अनुसार बम्हनी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वनांचल के गांवों में अवैध ईंट भट्ठों की बाढ़ सी आ गई है। जगह-जगह लोग ईंट बनवा रहे हैं और नदी के किनारे का महुआ, जाम, साजा के अनमोल पेड़ों को काटा जा रहा तो कहीं जेसीपी मशीन से वृक्षो को गिराया जा रहा है। और ईंट पका रहे हैं। वन विभाग द्वारा कोई गश्त ना कार्यवाही की जा रही है। क्षेत्र में राजस्व और खनिज विभाग द्वारा अनदेखी के चलते वनांचल के गांवों में सैकड़ों स्थानों पर अवैध ईंट निर्माण धड़ल्ले से जारी है जबकि ईंट बनाने पर्यावरण विभाग से अनुमति लेना जरूरी होता है। अधिकांश जगहों पर बिना अनुमति के ईंट बनाया जा रहा है। कामता से लेकर राता तक विभिन्न ग्रामों में लगभग 100-150 से ऊपर गांवों में अवैध रूप से ईंट भट्ठा चल रहा है।
अवैध ईंट भट्ठे से पर्यावरण को नुकसान
अवैध ईंट भट्ठों से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है, बल्कि राजस्व एवं जंगल की लकड़ी ,पानी मिट्टी चोरी की, बिजली का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके कारण नदी का बहाव की दिशा भी बदल गया है। भू-तल भी गिरता जा रहा है। बताना लाजमी होगा कि अगर नदी के किनारे गांवों में अवैध ईट भट्ठों का संचालन जोरों पर है जिन पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं होने से अवैध ईंट संचालकों के हौसले बुलंद हैं।
राजस्व और खनिज विभाग वन विभाग के अधिकारी द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। कार्यवाही नहीं होने से अवैध ईंट भट्ठों के संचालकों की हौसले बुलंद होते जा रहा हैं और ईंट भट्टों की संख्या बढ़ते जा रहा है। जंगल से जेसीपी द्वारा मिट्टी चोरी की जा रही है साथ ही वृक्षो को गिराया जा रहा है और ईंट भट्ठों में खपाया जा रहा है। वन विभाग मूक-दर्शक बना हुआ है। साथ ही राजस्व विभाग को बहुत ज्यादा हानि हो रहा है। खनिज विभाग अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है। ये लोग बढ़े पैमाने पर ईंट निर्माण कर शासकीय व निजी जमीन के खनन करने में लगे हुए हैं। बावजूद राजस्व विभाग, खनिज विभाग देखकर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है।
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