रेवांचल टाईम्स - मण्डला जिले के जनपद पंचायत नारायणगंज अंतर्गत मां नर्मदा जी के कूम्हा घाट में लोगों को नाव के द्वारा नर्मदा नदी में इस पार से उस पार ले जाया जाता है जिसमें घाट के ठेकेदारों ने अपनी निजी कमाई करने को लेकर मासूमों की जिंदगी को दांव पर लगा रखा है। जहां एक नांव में 30-40 लोगों के अलावा दर्जनों वाहनों को एक साथ इस गहराईयुक्त नदी में जान जोखिम में डालकर इस तरह जिंदगी की सौदेबाजी किया जाता है। वहीं यात्रियों से ठेकेदारों द्वारा मनमानी रवैया अपनाते हुए तय राशि से अधिक बसूली की जाती है और ठेकेदारों ने अपनी तानाशाही को अंजाम देने के लिए आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को राशि बसूली करने के लिए लगा रखा है जिससे आये दिन यात्रियों के साथ विवाद किया जाता है। मामले की शिकायत पहले भी जनपद पंचायत नारायणगंज में की गई है परन्तु जिम्मेदारों की सांठगांठ के चलते इस मनमानी और लापरवाहियों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। त्यौहारों में बाहर काम-काज से लौट रहे गरीब तपके लोगों को अपने घर पहुंचने की उत्सुकता बनी रहती है उसी का फायदा उठाकर ठेकेदार द्वारा यात्रियों से अनावश्यक बसूली की जाती है और जिसको लेकर ठेकेदार और उनके नुमाइंदों द्वारा यात्रियों से विवाद किया जाता है।विवाद का स्तर यात्रियों से मारपीट करने तक पहुंच चुका है जिसको लेकर पहले भी जनपद पंचायत नारायणगंज द्वारा संबंधित थाना को सूचना दी गई है एवं ठेकेदार को भी नोटिस दिया गया है। जनपद पंचायत नारायणगंज के जिम्मेदारों ने बताया कि कूम्हा घाट विवादित घाट बना हुआ है आये दिन यात्रियों एवं ठेकेदार के बीच विवाद को लेकर शिकायत आ रहे हैं। जल्द ही मामले पर वैधानिक कार्यवाही किया जावेगा।
शासन की नियमावली की उड़ाई जा रही धज्जियां
जिले की जनपद पंचायत नारायणगंज अंतर्गत आने वाले मां नर्मदा जी के कूम्हा घाट की गहराई अत्यंत गहरा है जिसमें पहले भी बड़ी बड़ी घटनाएं हो चुकी है जिसमें पहले भी कुछ मासूमों की डूबने से मौत हो चुकी है। एक बार फिर इस गहरे पानी में बगैर किट एवं सुरक्षा के यात्रियों को नदी पार कराया जाता है जिसमें बुजुर्ग, महिला, बच्चे एवं विकलांगजन भी इस खतरे का सामना कर रहे हैं। जहां एक साथ तादात से ज्यादा 30-40 यात्रियों को एक साथ बगैर किट एवं सुरक्षा के जान जोखिम में डालकर नदी पार कराना किसी हादसे को आमंत्रित करना है।यह एक सत्यता है कि घटना कभी बता कर नहीं आती है, जिले में नर्मदा नदी पर डूब कर मौत की अनेकों घटनाएं हो चुकी है बावजूद इसके प्रशासन की यह उदासीनता कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रही है जो कभी भी विकराल रूप ले सकता है। ठेकेदारों की यह मनमानी रवैया एवं गुण्डाराज आज से नहीं है इसके पहले भी ठेकेदारों ने आमजनता तो क्या सरकार को ही चूना लगा चुके हैं, वर्तमान के घाट ठेकेदार अमित पटेल से घाट पर हो लापरवाही एवं अवैध बसूली को लेकर हो रहे विवाद की चर्चा की गई जिसमें ठेकेदार का कहना है कि यह आदिवासी क्षेत्र है इसमें कभी चौथ बारात और ऐंसे अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक होती है उस तादात अनुसार मेरे पास पर्याप्त किट उपलब्ध नहीं है ठेकेदार द्वारा इस तरह की घटनाओं को आमंत्रित करने वाली बात की गई जो नियम विरुद्ध है वहीं किराया को लेकर जबरन अवैध बसूली को लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे पास किटों की संख्या कम है इसलिए हम सभी को किट नहीं पहना सकते वहीं हमें नांव में तादात से ज्यादा सवारी इसलिए बिठाना पड़ता है क्योंकि हमें अपने मजदूरों को भी देना होता है। जिससे हमारे घाट में लगाई लागत एवं ठेका का पैसा भी निकालना होता है।
इनका कहना है------
-सभी घाटों की अपेक्षा कूम्हा घाट विवादित घाट बना हुआ है, ठेकेदार को नोटिस दे दिया गया है और संबंधित थाने में भी सूचना दे दी गई है।
आर.डी.प्रजापति
सहायक ग्रेड 02
जनपद पंचायत नारायणगंज मण्डला।
-कल घाट में दो पक्षों को लेकर विवाद हुआ है जिसकी रिपोर्ट हमारे द्वारा संबंधित थाने में की गई है।
अमित पटेल
ठेकेदार कूम्हा घाट नारायणगंज मण्डला।
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