रेवांचल टाईम्स - मण्डला जिले की नगर पंचायत निवास में पदस्थ प्रभारी सीएमओ विकेश कुम्हरे के 50 हजार की घूस लेते जबलपुर लोकायुक्त की गिरफ्त में आये और उनको निवास से तुरंत ही हटा दिया गया उनके हटने के बाद 10 हजार की घूस लेते पकड़ी गई कामनी लिल्लारे को निवास का प्रभार दिया गया मगर आनन फानन में न जाने क्या हुआ इनको यहां से हटा कर निवास तहसीदार को नगर पंचायत का चार्ज दिया गया है। क्या तहसीलदार निवास नगर पंचायत की लचर व्यवस्था को सुधार पाएंगे । देखा गया कि स्वच्छता नोडल अधिकारी रोजिया डोगरे के द्वारा 2023 की स्वच्छता की कोई भी गतिविधियों नही कराई गई है न ही निवास में कोई स्वछता कार्यक्रम का आयोजन हुआ है एन जीओ लगाकर फर्जी दस्तवेज बनाकर भारत सरकार के पोर्टल में लगा दिए गए है जो जांच का विषय है जांच होने के बाद रोजिया डॉगरे का फर्जी बाड़ा भी जल्द सामने आएगा रेवांचल टीम के द्वारा जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नगर पंचायत से अनेको जानकारी चाही गई है मगर आज तक जानकारी नही दी गई है बल्कि उन्हें जानकारी देने में आनाकानी की जा रही है, क्या आवेदक के द्वारा चाही गई जानकारी प्रभारी सी एम ओ, निवास तहसीलदार दिला पाऐगे और क्या कांजी में जमे दैनिक वेतन भोगी को काज़ी हाउस खाली करा पाएंगे और क्या पंप मेकेनिक से लेखापाल का प्रभार अलग करा पाएंगे, ये बड़ा सवाल है, वही स्वछता अभियान में कई गई अनिमित्ता की जांच करा पाएंगे, और जानकारी के अनुसार उपयंत्री रोजिया डॉगरे द्वारा जो एन जीओ लगा कर फर्जी कूटरचित तरीके से तैयार कर दस्तावेज बनवाये है उनकी जांच करा पाएंगे, और मीना कोरी सी एम ओ के समय हुई खरीदी में गई गड़बड़ी की जांच करा पाएंगे, मल उपचारित प्लाट के रेम्प की जांच करा पाएंगे ,जीएसटी जमा करा पाएंगे, या फिर ये भी रोजिया डोगरे के साथ मिलकर जिस तरह से पंचायत चल रही है उसी में रम जायेगे और सरकारी धन को बन्दबाट करने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे क्योंकि जैसा राजा होता है वैसी ही प्रजा होती है ।
वही जब स्वच्छता अभियान के जी दस्तावेज पोर्टल में एन जी ओ के द्वारा अपलोड़ किये जा रहे है जो एन जी ओ अपलोड कर रहा है वह कौन वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति प्राप्त किया है या फिर स्वयं ही उपयंत्री अपने मन से ईस एन जी ओ को आदेश दे कर कार्य करा रही है और नगर पंचायत में बैठे जिम्मेदार कर्मचारी कार्यालय में आकर अपनी समय मे सेवा देकर चले जा रहे है क्योंकि जो कार्य कार्यालय के कर्मचारियों को करना था वह तो एक निजी एन जी ओ कर रहा है तो पंचायत में पदस्थ कर्मचारी क्या कर रहे है ये नगर में जनचर्चा का विषय बना हुआ है।
वही जब रेवांचल की टीम ने उपयंत्री रोजिया डोंगरे से उनका पक्ष जनाना चाहा तो उनका मोबाईल में घंटी जाती रही पर उन्होंने कॉल उठाने से बचती नजर आई जिस कारण उनका पक्ष नही रख पाए। शायद इन्हें नये नम्बर उठाने से परहेज है मेडम जी वही नम्बर अटेंड करती है जो इनके करीबी या फिर जो इनके मोबाईल में सेव है।.... शेष अगले अकं में जारी भ्रष्टाचार और भ्रस्टो के खिलाफ एक मुहिम रेवांचल की टीम की ओर से....
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