दैनिक रेवांचल टाईम्स मंडला। जरूरी काम छोड़कर लाडली बहना योजना का लाभ लेने का कर रहे प्रयास। बैंकों ने इन बहनों के लिए नहीं किया धूप से बचने का इंतजाम खुली छत आसमान के नीचे तपती हुई धूप पर अपनी बारी का इंतजार कर रही है। महिलाएं मुख्यमंत्री की लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए बहनें खाना-पीना छोड़कर तपती दोपहरी में लाइनों में लग रही हैं। हालत यह है कि इन दिनों आधार सेंटर से लेकर बैंकों में लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। बैंकों और आधार सेंटरों के बाहर तपती दोपहरी में भूख प्यास से परेशान महिलाएं दिनभर लाइनों में लग रही हैं।बावजूद इसके शाम तक ई- केवाईसी नहीं हो पा रही है। इसके चलते योजना का लाभ नहीं मिलने के डर से महिलाएं परेशान हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि लाडली बहना योजना में फार्म भरने से पहले उसके दस्तावेज जमा करने में ही महिलाएं परेशान हो रही हैं।शहर के आधार सेंटर और बैंकों के बाहर सुबह से महिलाओं की कतार नजर आ रही है। घंटों इंतजार के
बाद भी महिलाओं को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। लाड़ली बहना दिनभर तपती दोपहरी में लाइनों में लग रही हैं। बाबजूद इसके ईकेवाईसी नहीं हो पा रही है। सर्वर डाउन होने से परेशानी, बैंकों में प्रवेश तक नहीं मिल रहा बैंक में ई- केवाईसी के लिए एक ही कर्मचारी बैंक में आधार ई- केवाईसी के लिए आम तौर पर एक कर्म-चारी होता है। अचानक आधार से बैंक केवाईसी के लिए भीड़ लगने से परेशानी बढ़ गई है। तेज धूप और खराब मौसम के बावजूद महिलाओं को बैंक के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि बैंक के अंदर भी महिलाओं और ग्राहकों से पैक है कामकाज चलने के कारण भीड़ और शोर पर पाबंदी है। एक-एक महिला को नंबर आने पर केवाईसी के लिए बुलाया जाता है। इसमें कई महिलाएं तो दिनभर इंतजार के बाद भी बिना केवाईसी के लौट रही हैं। महिलाओं ने बताया कि शासन ने जब योजना शुरू की तो बैंक और आधार अपडेट कराने के लिए शिविर लगाने चाहिए थे, जिससे आसानी होती।
महिला एवम बाल विकास की हड़ताल बनी परेशानी का कारण
योजना के शुरुआत में कहा जा रहा था कि महिला एवं बाल विकास विभाग प्रशासन के अमले के साथ मिलकर शिविर लगाएगा और यहां सभी तरह के दस्तावेज संशोधन के लिए लिए जाएंगे, लेकिन योजना का नोडल विभाग ही हड़ताल पर चला गया है। पिछले कई दिनों से महिलाएं बैंक, निगम और आधार कार्ड सेंटरों के चक्कर लगाकर परेशान हो रही हैं।
आधार कार्ड में मोबाइल नंबर और नाम अपडेट नहीं है तो बैंक और समय से केवाईसी नहीं होती, इसलिए आधार कार्ड को सुधारने के लिए केंद्रों पर भीड़ है। बैंक में केवाईसी जरूरी है, जिससे खाते में ऑनलाइन राशि आ सके। इसके लिए भी बैंकों के बाहर कतार लग रही है। आधार सेंटर खुलने से पहले ही अल सुबह से कतारें नजर आ रही हैं। शहरी क्षेत्र में आधार सेंटरों की संख्या भी काफी कम है।
उपभोक्ता हो रहे परेशान
ग्राहकों को लेनदेन के लिए बेहतर सेवा प्रदान करने वाली बातें इन दिनों बैंकों में सही साबित नहीं हो पा रही है। बैंक अफसरों की लापरवाही और लचर व्यवस्था के कारण उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। महिलाओं को केवाईसी कराने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि लाइन भी बैंक के अंदर नहीं बल्कि बाहर सड़क तक लग रही है।
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