दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला जिला मुख्यालय में भी प्रांतीय आवाहन पर कोटवारों का बेमियादी प्रदेशव्यापी हड़ताल 10 मार्च से फिर शुरू हो गया है।
कोटवार संघ के जिला अध्यक्ष भैयालाल, उपाध्यक्ष एवं प्रांतीय प्रवक्ता शंकर दास पड़वार और मीडिया प्रभारी कुंवर दास धार्वैया ने संयुक्त रूप से जानकारी दी है,कि जिला मुख्यालय के मंडला कलेक्ट्रेट परिसर में 10 मार्च से 17 मार्च तक के लिए जिले भर के कोटवार धरने पर आ गये हैं।इस तरह प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आज से कोटवार हड़ताल पर चले गये हैं। विचारणीय है,कि इस समय होली का रंग भी छूटा नहीं है और शासन की गलत नीतियों का शिकार हो रहे कोटवारों को सड़क पर आने को मजबूर होना पड़ रहा है।इसके बाद भी मुख्य मांगें पूरा नहीं होती हैं,तो 20 मार्च से भोपाल में जंगी प्रदर्शन की कार्यवाही करने संपूर्ण प्रदेश के अड़तीस हजार कोटवारों को विवश होना पड़ेगा।
प्रांतीय संयोजक अमृतलाल डेहरिया के अनुसार अब तक कोटवारों को दस एकड़ भूमि के साथ 400 रुपये मानदेय मिल रहा है।जिनको कोई भूमि नहीं दी गई है ऐसे कोटवारों को 4000 रुपये महीने मानदेय दिया जाता है।ऐसे कोटवार जिनको चार पांच एकड़ भूमि मिली है उनको महज एक हजार य दो हजार मानदेय दिया जाता है। वृद्ध हो जाने के बाद बिना कोई सहयोग राशी व पेंशन के काम से बाहर कर दिया जाता है।
इतने कम मानदेय में कोटवारों का परिवार वर्षों से भुखमरी का शिकार होता आ रहा है। कोटवारों को मिली अधिकतर सेवा भूमि भी बंजर अनुपजाऊ है।जिससे कोई फसल उत्पादन नहीं किया जा सकता।
सैकड़ों साल से चली आ रही मुख्य मांगें
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा दिये जाने,वर्तमान में इस मांग को पूरा करने में शासन के पास आर्थिक तंगी रहते तक कलेक्टर दर पर सम्मानजनक वेतन दिये जाने,ताबेदारी के एवज में दी गई सरकारी या मालगुजारी भूमि का मालिकाना हक देकर भूमि स्वामी का दर्जा दिये जाने,योग्य कोटवारों को कार्यानुभव का लाभ देते हुए राजस्व विभाग में समाहित किये जाने तथा गांव से शहर बन चुके गांवों के कोटवारों को काम से अलग नहीं किये जाने,की मुख्य रूप से मांग की जा रही है।सैकड़ों वर्षों से इन लंबित मांगों पर सरकार का ध्यान नहीं जाने के कारण सरकार के प्रति कोटवारों के परिवारों में बहुत ज्यादा आक्रोश पनपता जा रहा है।बताया गया है,कि 2022 में ही सरकार का ध्यान चाहने अनेकों बार धरना प्रदर्शन और ज्ञापन दिये जाने के बाद भी कोटवारों को कुछ भी नहीं मिला है।तब आक्रोशित होकर इस तरह बेमियादी आंदोलन का सहारा लेना पड़ा है।
प्रथम दिन आंदोलन का शुभारंभ महात्मागांधी वह डॉ. भीमराव अम्बेडकर को याद करके राष्ट्रगान और रघुपति राघव राजा राम भजन के साथ किया गया।
10 मार्च को भी रात्रि विश्राम धरना स्थल पर
जानकारी के अनुसार धरना स्थल पर ही कोटवार रात गुजारकर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे।
लखन दास सोनवानी, रामकुमार परते,मनोज झारिया,राजकुमार गायगवाल,रेखा परते,रीना बघेल,सुहागवती,श्यामवती,राजकुमारी,ग्यारसी बाई,दयावती,बबीता झारिया,कुंती बाई,गंगा उईके,रमेश सोनवानी,आशीष झारिया,चंद्रेश बैरागी,तिवारी दास,अमर सिंह,भगवान दास,सुखदेव केवट,राजू मरकाम ने मुख्य रूप से आज के प्रदर्शन का नेतृत्व किया है।
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