पैसे जमा होने के बाद भी 4 माह से नहीं दी जानकारी....
दैनिक रेवांचल टाइम्स -इन दिनों भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है।पूरा मामला केवलारी जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खापा बाजार का है। भ्रष्ट सचिव रघुराज बघेल एवं रोजगार सहायक प्रदीप राय दोनों पंचायत के लाट साहब हो गए हैं। इनसे अगर कोई घोटाला की बात की जाए तो खापा बाजार पंचायत को बेच खाएं परंतु जब नियम की बात की जाए तो इनके गुर्दे फूल जाते हैं। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) के अंतर्गत ग्राम पंचायत खापा बाजार से जानकारी चाही गई थी। परंतु भ्रष्ट सचिव रघुराज बघेल की हट एवं भ्रष्ट रोजगार सहायक प्रदीप राय की तानाशाही कार्यप्रणाली के चलते जानकारी आज तक नहीं दी गई।
पंचायत पूर्व से भी भ्रष्टाचार को लेकर संज्ञान में हैं....
खापा बाजार का भ्रष्टाचार चरम सीमा पर ऐसी विभिन्न अनेक मुद्दों को लेकर भ्रष्ट सचिव रघुराज बघेल एवं रोजगार सहायक प्रदीप राय अखबारों एवं प्रशासन की सुर्खियों में निरंतर बने हुई है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते निकल कर आ रहे हैं ऐसे परिणाम शिकायतों के बाद भी अधिकारियों का कार्यवाही ना करना यह एक अहम चिंता का विषय बन गया है। मानो जैसे कि भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी अमला....?
भ्रष्ट सचिव और रोजगार सहायक की सांठ- गाठ चरम सीमा पर....
भ्रष्ट सचिव एवं रोजगार सहायक के द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है विभाग चाहे कोई भी हो लोगों को जानकारी आसानी से प्राप्त नहीं हो पा रही है ।विभाग के अधिकारी जानकारी लेने वालों को बिना कारण के घुमाया जाता है इनके कार्यालय में जितनी भी सूचना अधिकार अधिनियम के द्वारा जानकारी मांगी जाती है कुछ मामलों को छोड़कर बाकी सब मामलों की जानकारी नहीं दी जाती। भ्रष्ट सचिव और रोजगार सहायक की सांठ गांठ चरम सीमा लांग चुकी है। अब यह ग्रामीणों से भी सीधे मुंह बात नहीं करते दबंगई का देते हैं परिचय
इस संबंध में इनका कहना है कि....
मेरे द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत एक बिंदु में जानकारी मांगी गई थी । एवं इनके द्वारा भ्रामक पत्र जारी करते हुए उक्त दस्तावेज के लिए मेरे से 7000 रू जमा भी करवाया मैंने पैसे जमा पर्ची पंचायत में लाकर सचिव के समक्ष प्रस्तुत की इसके बाद निरंतर इनके द्वारा मुझे पंचायत बुलाकर बार-बार अनेकों बार गुमराह किया गया एवं आज आना कल आना हम नहीं हैं अनेकों तरह के बहाने बनाए गए फोन नहीं उठाए एवं आज तक मुझे जानकारी प्रदाय नहीं की गई उक्त मामले को लेकर मैंने संबंधित अधिकारियों के समक्ष लिखित आवेदन कर अपना पक्ष प्रस्तुत किया लेकिन आज तक किसी भी तरह से अधिकारियों द्वारा मामला को संज्ञान में नहीं लिया गया मैं उक्त मामले को लेकर जल्द ही न्यायालय की शरण लूंगा।
आरटीआई आवेदनकर्ता
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