दैनिक रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले में चल रही यात्री बस संचालकों की खुलेआम मनमानी चल रही है और जिला परिवहन अधिकारी अपने हाथ मे हाथ धरे बैठे हुए यहां जनता लूट रही और जिम्मेदार मौन ब्रत रख बैठे हुए है।
वही जानकारी के अनुसार जिला परिवहन विभाग यात्रियों से यात्रा के दौरान उनसे लिए जाने वाला किराया के लिये किराया सूची जारी किया पर इनके द्वारा सूची तो जारी कर दी पर क्या बस संचालकों के द्वारा सूची के आधार पर यात्रियों से किराया लिया जा रहा है या अधिक लिया जा रहा ये कौन देखेगा ये तय नही बस सूची जारी कर दी है और अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लिए अब बाकी बस संचालक जाने और यात्री जाने हमने तो अपना कर्तव्यों का पालन कर लिया है।
वही जानकारी के अनुसार जिले में एक भी बस ऐसी नही है जो परिवहन विभाग से जारी सूची के हिसाब से यात्रियों से किराया ले रहे हो और किसी भी बस में किराया सूची नही लगी हुई है, हर बस में चलने वाले परिचालकों के द्वारा यात्रियों से संचालक अपने स्वयं के द्वारा तय किये गए किराया यात्रियों से वसूल रहे है। वही इन दिनों मेला मडई के बाद भी बसों में यात्रियों की भीड़ कम नहीं हो रही है। लोग का आना जाना लगा हुआ हैं। यात्रियों को बस सेवा का उपयोग के लिए मनमाना किराया देना पड़ रहा है। जबकि परिवहन विभाग की तरफ से किराया तय है, फिर भी बस आपरेटर अपनी मर्जी से किराया ले रहे हैं। बस में किराया सूची चस्पा नहीं होने के कारण वास्तविक दर की जानकारी ही नहीं लग पाती है। वही विभाग के द्वारा निर्देश है कि सभी यात्री बस में किराया सूची साफ-साफ अक्षर में चस्पा होनी चाहिए। सूची बस के अंदर ऐसे स्थान पर लगी हो जहां से हर यात्री उसका अवलोकन कर सके। लेकिन मंडला से चलने वाली सभी बसों में जारी सूचि से ज्यादा किराया ले रहे है वही मंडला से जबलपुर 95 किलोमीटर का 150 रुपये नैनपुर 50 किलोमीटर का 70 रूपये भूआ बिछिया 50 किलोमीटर का 70 रुपये बम्हनी 20 किलोमीटर का 35 रुपये 5 किलोमीटर जाना हो या 15 किलोमीटर या फिर 20 किलोमीटर सब का किराया एक दर है। वही बस स्टैंड परिसर या सार्वजनिक स्थल पर किराया सूची नहीं लगी है। परिवहन विभाग के अनुसार निर्धारित बस की क्षमता और सीट से ज्यादा यात्री को नहीं बैठाया जा सकता फिर भी अपनी मनमानी की जाती है बसों लोगो को सुविधाजनक यात्रियों को यात्रा नही कराया जा रहा बल्कि यात्रियों को बस में ठूस ठूस के भरा जाता है और आरटीओ के नियम और जारी सूची के अनुसार बस परिवहन कर्ता को लोगो से ₹1/ 25 रुपए प्रति किलोमीटर तय किया गया है जबकि बस मालिको के द्वारा 2 रुपए 50 पैसे से ₹3 किलोमीटर तक प्रति किलोमीटर खुलेआम वसूला जा रहा है जिसमें आरटीओ के द्वारा कभी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही जिससे यात्रियों को आने जाने में परेशानियां तो होती हैं मगर किराया भी डबल देना पड़ रहा है।
इनका कहना है
सब मे सफर करना बहुत ही जोखिम वाला सफर है बस में जितनी सीट होती है उससे अधिक यात्री ले जाते है एक तो बस परिचालकों के द्वारा यातायात नियम के विरुद्ध बसों का संचालन किया जा रहा और किराया भी मनमाना लिया जा रहा है किसी भी बस में किराया सूची नही अगर उनसे कुछ बोलो तो वो रास्ते मे ही उतार देते है और लड़ने झगङे को तैयार रहते है और ज्यादा हुआ तो यात्री करे भी तो क्या।
श्याम लाल
यात्री
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