रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के सर्व शिक्षा अभियान में पदस्थ जिला परियोजना समन्वयक बी०पी० ठाकुर, का कर्मचारियों से रिश्वत लेते हुए तेजी से सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हुआ था और भी अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी के द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए है कि श्री ठाकुर के द्वारा सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण दिया जा रहा था और उन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मनमानी करते हुए खुलेआम रिश्वत की माँग की जाती रही आख़िर भ्रस्ट अधिकारी की पोल खुल ही गई जो कि छोटे छोटे बच्चों के हक में डाका डाल रहे थे आखिर बुराई का अंत हो ही गया।
मंडला आदिवासी जिले के बाहर से आये हुए अधिकारी कर्मचारी ने इस जिले को चारागाह बना रखा है कि सरकारी योजनाएं केवल उनके लिए संचालित है और अपना हक जताते हुए उन योजनाओं में खुल के भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
वही रिश्वत लेते हुए सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो को जिला कलेक्टर ने अपने सज्ञान में लेते हुए तत्काल तीन सदस्यीय जाँच टीम बनाई और जल्द ही जांच कर जांच रिपोर्ट सौपने को कहा गया वही कलेक्टर मंडला ने जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र मण्डला द्वारा पैसे के लिए जाने संबंधी वायरल वीडियो की जांच हेतु निम्नानुसार अधिकारियों की जांच समिति गठित की गई थी।
1. श्री अर्थ जैन (आई ए एस) सहायक कलेक्टर मण्डला
2. अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मण्डला
3. अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत मण्डला
उक्त गठित समिति के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से पैसे लेने संबंधी कथित वायरल वीडियो की जांच की गई । वायरल वीडियो की जांच में बी०पी० ठाकुर जिला परियोजना समन्वयक को जिला शिक्षा केन्द्र के माध्यम से संचालित छात्रावासों में छात्रावास वार्डनों से अनैतिक रूप से वित्तीय लाभ लेना सिद्ध पाए जाने पर बी०पी० ठाकुर जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र मण्डला को उनके कार्य भार से मुक्त कर दिए और आगामी आदेश तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में संलग्न किया जाता है साथ ही हीरेन्द्र वर्मा, सहायक जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र मण्डला को आगामी आदेश तक जिला परियोजना समन्वयक का कार्य करने हेतु आदेशित किया जाता है। हीरेन्द्र वर्मा अपना संपूर्ण कार्यभार ग्रहण कर कार्यभार ग्रहण करने का कलेक्टर मंडला ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
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