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Monday, February 20, 2023

पेरिस में विश्व प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार रज़ा के चित्रों की प्रदर्शनी

फ्रांस, पेरिस 17 फरवरी 2023







पद्मविभूषण  से सम्मानित विश्वप्रसिद्ध भारतीय चित्रकार सैयद हैदर रज़ा की जन्मशती के अवसर पर फ्रांस की राजधानी पेरिस मेलगी उनके चित्रों की प्रदर्शनी इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।बड़ी संख्या में कलाप्रेमी इन चित्रों को देख रहे हैं और उनसे एक आत्मीय रिश्ता बना रहे हैं।

14 फरवरी को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन पेरिस के भव्य सेंटर पोम्पीदु की गैलरी-4 में सेंटर पोम्पीदु के प्रेसिडेंट लॉरेंट ले बॉन और प्रख्यात साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने किया। इस अवसर पर फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ, भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन, किरण नादार म्यूजियम की सर्वेसर्वा किरण नादार, पीरामल म्यूजियम के सर्वेसर्वा डॉ. स्वाति और अजय पीरामल उपस्थित रहे। रज़ा जन्मशती समारोह में भाग लेने के लिए भारत से लेखकों, पत्रकारों और चित्रकारों का एक शिष्टमंडल भी पेरिस आया हुआ है जिसमें जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार , प्रसिद्ध लेखक उदयन वाजपेयी, कलाकार अतुल और अंजू डोडिया, योगेन्द्र त्रिपाठी और विश्वनाथन, संयोजक और कला समीक्षक रुबीना करोड़े, गायत्री सिन्हा, अलका पाण्डेय, कवयित्री-कथाकार पूनम अरोड़ा, कथाकार अणुशक्ति सिंह, कवि वीरू सोनकर, पूनम वासम और चित्रकार अखिलेश और मनीष पुष्कले आदि शामिल हैं। प्रदर्शनी में फ्रांस के गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।  तीन माह तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में रज़ा के 93 चित्रों और 80 दस्तावेजों को शामिल किया गया है। इन सभी दस्तावेजों को अलग-अलग स्रोतों द्वारा भारत से एकत्र कर प्रदर्शनी में शामिल किया गया। यह पहला मौका है जब भारत के किसी चित्रकार की जन्मशती के मौके पर पेरिस में चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है।

रज़ा फाउण्डेशन के न्यासी और ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष अशोक वाजपेयी ने बताया कि फ्रांस में किसी चित्रकार की यह अब तक सबसे बड़ी और सबसे अधिक दिनों तक चलने वाली प्रदर्शनी है। यह इस बात का संकेत है कि फ्रांस के कला प्रेमियों में रज़ा साहब के चित्रों को लेकर गहरी उत्सुकता बनी हुई है। वे रज़ा साहब से प्रेम करते हैं और उन्हें अपना चित्रकार मानते हैं। एक कलाकार राष्ट्र की सीमाओं में बंधा नहीं होता।"

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मंडला में जन्में सैयद हैदर रज़ा ने 50 के दशक में फ्रांस में बस गए थे और करीब 6 दशकों तक वहां रहे। इस समय में उन्होंने अपनी चित्रकला में नए आयामों को तलाशा और लगातार परिष्कृत हुए। पिछले एक साल से देश के विभिन्न शहरों में रज़ा जन्मशती पर अनेक आयोजन हुए लेकिन पेरिस में उनकी कलाकृतियों की प्रदर्शनी एक ऐसा भव्य आयोजन था जिसका स्वप्न रज़ा फाउण्डेशन के प्रबन्ध न्यासी और रज़ा के अभिन्न मित्र अशोक वाजपेयी के वर्षों के अथक प्रयासों के निर्णायक दिवस के रूप में कला के ऐतिहासिक देश फ्रांस के सबसे खूबसूरत शहर पेरिस में रज़ा के मक़बूल चित्रों की प्रदर्शनी के रूप में साकार हुआ।

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