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रेवांचल टाईम्स - मंडला, सांसद और विधायक ने जनता के साथ किया छलावा जिसके कारण किसानों में है भारी विरोध
आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के नैनपुर विकासखंड के किसानों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है तो कहीं बाँध के नजदीक तट में बसें किसान 40 वर्षो से पानी का इंतजार कर रहे है, जिले के मंडला विधानसभा में थावर बाँध परियोजना है जहाँ से बांध के सेन्ट्रल जोन में केनाल का निर्माण किया गया है परन्तु अंतिम छोर के किसानों को इसका भी लाभ नहीं मिल रहा है, मंडला विधानसभा क्षेत्र में किसानों को पानी की किल्लत के साथ साथ क्षेत्र की जनता को अनेक समस्याओ से जूझना पड़ रहा है। थावर बाँध के पूर्वी तट में बसा पठार क्षेत्र जहाँ सेकड़ो गांव बाँध की पानी सींचने से वंचित है, कई बार किसानों ने सड़क पर जाम तक लगा दिया, धरना प्रदर्शन किया लेकिन सुध लेने के लिये कोई तैयार नहीं है, अब किसानों को सूखते खेतों को बचाने के लिए नहर निर्माण संघर्ष समिति जिले के अंतिम छोर 60 किलोमीटर पैदल चलकर विकास की शव यात्रा निकाला है जिसका समापन शुक्रवार को जिला मुख्यालय में हुआ | नहर निर्माण संघर्ष समिति का आरोप है कि नहर निर्माण के लिये जारी अधिसूचना 2023_WRD_ 243409_1 टर्न की पद्धति परः नैनपुर अन्तर्गत थांवर आर.बी.सी. की आर. डी. 0 से 15150 मी. खिरसारू माइनर नं. 01, आर. डी. 0 से 600 मी.. खिरसारू माइनर नं. 02 आर. डी. 10 से 540 मी. भरवेली माइनर आर. डी. 0 से 1710 मी. लालपुर माइनर नं. 01 आर. डी. 0 से 840 मी. लालपुर माइनर नं. 02 आर. डी. 0 से 780 मी. लुटमरा माइनर 0 से | 1230 मी. में मिट्टी कार्य, स्ट्रक्चर, एस्केप, सीडी, व्ही. आर. बी. एक्वाडक्ट, नाला साइफन, केनाल फाल 1.8 मी. हेड रेम्युलेटर, आउटलेट एवं लाइनिंग का निर्माण कार्य, विस्तृत स्कोप ऑफ वर्क के अनुसार जिसकी लागत 9 करोड़ 93 लाख 36 हजार का टेंडर किया गया , जिसमें रेलवे कि अनापत्ती प्रमाण पत्र, वन विभाग का अनापति प्रमाण पत्र, और ना ही किसानों की जमीनों का उचित मुवावजा का प्रावधान विसगति पूर्ण है इसलिये इस नहर में ठेकेदार टेंडर भरने से कतरा रहे है पूर्व में प्राकलन तैयार किया था जिसकी अनुमानित लागत 14 करोड़ के आसपास थी जिसे वर्तमान समय में घटा दिया गया है इस कारण कोई भी कम्पनी व ठेकेदारों का नहर बनाने में अभिरूच नहीं दिख रहा जबकि मौजूदा विधायक देवसिंह सैयाम ने अपने चहेते ठेकेदारो को उपक्रत करने हेतू स्वयं के ग्रह ग्राम लगभग 3 करोड़ की लागत से नहरो का निर्माण करवाया गया जहाँ आज तक एक बून्द पानी नहीं जा रहा है इसी प्रकार थावर परियोजना के एल बी सी में विधायक ने अपने विशेष चहेते ठेकेदारो के द्वारा 8 करोड़ की लागत से घटिया नहरो का निर्माण करवाया गया जो की यह दर्शाता है कि मौजूदा विधायक एवं एक छेत्र विशेष के उनके चहेते ठेकेदारों के एवं जनप्रतिनिधि द्वारा थावर आर बी सी केनाल के कार्य को जान बुझ कर लेट किया जा रहा है उसके निर्माण ना हो करके किसानों को मुर्ख बनाया जा रहा है वर्तमान में जो प्राकलन हुआ है उससे कृषक वर्ग संतुष्ट नहीं है इसकी उच्च स्तरी जांच कर वा कर जल्द ही उक्त क्षेत्र के किसानों को नहर की सुविधा उपलब्ध कराया जाए!
किसानों की समस्याओ को अनसूना कर रहे विधायक और सांसद
मंडला विधानसभा के किसान पानी की किल्लत से जूझ रहे है। पठार क्षेत्र के किसान कई वर्षो से पानी की चाह में नहर निर्माण के लिये मांग कर रहे है जबकि इस विधानसभा में तीन बार का भाजपा विधायक देवसिंह सैयाम हैं साथ ही वह केंद्रीय इस्पात मंत्री फगगन सिंह कुलस्ते भी है । इसके बावजूद किसानों की पीड़ा का समाधान करने किसी ने अपने हाथ आगे नहीं बढ़ाए उनका निदान नहीं हो सक रहा है। और किसान के बीच में सांसद और विधायक के भारी आक्रोश है। नहर में पानी नहीं आने कारण फसल भी सुख रही है।
जिला प्रशासन के पास किसान 60 किलोमीटर की पैदल चल कर पहुंचे विकास के शव का पुतला लेकर
किसानों ने गुरुवार को विकास की शव यात्रा का आव्हान ग्राम पंचायत पुतर्रा से किया पैदल चल कर आये किसान जनों का पिंडरई नगर के वरिष्ठ जनों ने स्वागत किया वहीं दूसरी ओर नैनपुर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी नैनपुर से पिंडरई के लिये ने विकास की शव यात्रा निकाली। विकास शव यात्रा के दौरान निवास विधान सभा के विधायक डॉ अशोक मर्सकोले पिंडरई नगर पहुंच कर यात्रा का समर्थन किया और मंच सम्बोधन के दौरान बताया की प्रदेश की भाजपा की दलाल सरकार को विकास नहीं विनाश यात्रा निकलनी चाहिए क्योंकि भाजपा सरकार ने प्रदेश में हर वर्ग के विकास का विनाश ही किया है। यात्रा सुबह 10 बजे ग्राम पंचायत पुतर्रा से निकल कर पिंडरई मंडला मार्ग से डिठोरी, झिरिया चलकर जहाँ रात्रि विराम कर शुक्रवार जिला मुख्यालय पहुंची और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौपा और विकास के शव जिला कलैक्टर कार्यलय के सामने छोड़ कर चले गए वही सरकार किसानों से लेकर चिंतित नहीं है हम वर्षो से नहर की मांग कर रहे है लेकिन अभी तक हमें किसी भी प्रकार से संतुष्ट निराकरण नहीं मिल पा रहा है । जिसके चलते हम विकास की शव यात्रा निकाल रहे है हम किसानों की मांग पूरी करा कर रहेंगे |
प्रदेश की इस गूंगी बहरी सरकार और जिला प्रशासन किसानों की कर रहा अनदेखी।
थावर बाँध परियोजना के बायी और दायी तटीय में बसें सैकड़ो गांव जहाँ के किसानों को बाँध का पानी नसीब नहीं है इन किसानों को निजी साधन से सिंचाई करनी पड़ती है, तो कहीं सूखे खेत आज भी पड़े हुये है! फसलें सूख जाती है जिससे उत्पादन में भारी कमी आती है। किसान आर्थिक रूप से कमजोर होकर कर्ज लेने पर मजबूर हो रहा है वर्तमान समय में कुछ किसानों द्वारा अधिक तापमान और पानी की कमी के कारण फूलों का नुकसान हो कर फसलें बर्बाद हो गई। नहर की मांग को लेकर क्षेत्र के किसानों द्वारा पूर्व विधानसभा चुनाव के समय भी मांग की गई। आश्वासन मिलने के बाद भी किसानों की ज्वलंत समस्या की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि के द्वारा ध्यान नहीं किया गया। मध्य प्रदेश सरकार के प्रति किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।पिंडरई नगर के वरिष्ठ समाज सेवक प्रकाश सिंह लाल ने बताया कि सरकार वर्तमान लागत को बढाकर नया टेंडर जारी करें जिससे नहर निर्माण कार्य को सुचारू रूप से कर सके। किसानों की यह प्रमुख समस्या का हल नही होंने पर क्षेत्र के आक्रोशित किसानों द्वारा चुनावी प्रक्रिया का विरोध किया जाएगा। साथ ही क्षेत्र में राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रवेश गांव.गांव में बंद किया जाएगा |
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