मंडला 16 जनवरी 2023
जिला कोषालय अधिकारी
अखिलेश नेटी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार कोषालय के विभिन्न कार्यों एवं
गतिविधियों में नवाचार किए जा रहे हैं। विगत वर्ष कोषालय प्रणाली में अनेक नए
कार्य शुरू हुए हैं जिससे आमजनों को सुविधा प्राप्त हुई है।
ओवर द काउंटर (ओटीसी)
सुविधा- नागरिकों के लिये राज्य के करों एवं फीस को अपने घर बैठे जमा करने की
सुविधा दी गई है। नागरिक वेब पोर्टल www.mptreasury.gov.in पर जाकर एवं
भुगतान के सभी विकल्प जैसे- इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट एवं
क्रेडिट कार्ड एवं यू.पी.आई. का प्रयोग करते हुए राशि को जमा कर सकते हैं। यह
सुविधा नवंबर 2021 से प्रदान की गई है। इसके साथ ही वे इस
वेबपोर्टल से चालान में भुगतान के माध्येम में ओटीसी को चयन कर एवं जेनरेट चालान
का प्रिंटआउट लेकर बैंक काउंटर पर भी राशि जमा कर सकते हैं। इससे राज्य में
ई-प्राप्तियों को बढ़ावा मिला है एवं नागरिकों को बैंकों में जाकर 5 प्रतियों में चालान को भरने एवं लाइन में लगकर राशि जमा करने की समस्याओं से
मुक्ति मिली है। सबसे बड़ी सुविधा यह भी है कि राशि के गलत मद में जमा हो जाने या
अधिक जमा हो जाने पर रिफंड के लिये शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता
नहीं है। वे इसी वेबपोर्टल पर ऑनलाइन रिफंड हेतु निवेदन भी कर सकते हैं।
आधार आधारित भुगतान
प्रणाली - प्रदेश की एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएफएमआईएस) अंतर्गत
सभी हितग्राहियों को भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में ई-भुगतान के माध्यम से वर्ष 2010 से किया जा रहा है, लेकिन अब तक
कोषालय के द्वारा आधार आधारित भुगतान करना संभव नहीं था। ई-भुगतान प्रणाली को
प्रभावी बनाते हुये अब हितग्राहियों को बैंक खाते के साथ-साथ आधार आधारित भुगतान
किया जाना भी संभव किया गया है। मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य है, जो कोषालयों मे आधार आधारित भुगतान के माध्यम से हितग्राहियों को भुगतान करने
जा रहा है। वित्तीय कार्य प्रणाली को और सरल, सुदृढ़ एवं
हितग्राहीमूलक बनाने के उद्देश्य से आधार आधारित भुगतान को प्रदेश के सभी कोषालयों
में लागू किया जा रहा है। अब इस व्यवस्था से दोहरे लाभ को चिन्हित कर रोका जा
सकेगा एवं हितग्राही की पहचान कर ऐसे भुगतान वास्तविक हितग्राही को सुगम रूप से
प्राप्त हो सकेंगे। साथ ही असफल भुगतान में कमी आएगी।
कोषालयों के ई-भुगतान अब
सीधे भारतीय रिजर्व बैंक के ई-कुबेर प्रणाली से: आधार आधारित भुगतान के साथ साथ अब
प्रदेश अपने समस्त कोषालयों से हो रहे बैंक खाता आधारित ई भुगतान को सीधे भारतीय
रिजर्व बैंक के ई-कुबेर प्रणाली से 16 जनवरी 2023 से प्रारंभ कर रहा है। ई-कुबेर लागू होने से प्रदेश के
समस्त ई-भुगतान त्वरित रूप से संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में प्राप्त होंगी।
यह प्रणाली समस्त कार्य दिवस पर 24 घंटे उपलब्ध रहेगी, जिससे राशि हितग्राही को त्वरित रूप से प्राप्त होगी। इस प्रणाली को लागू करने
से यह भी लाभ होगा कि असफल भुगतान में कमी आएगी तथा आंकड़ों का मिलान आसान हो
जायेगा। पूर्व में एजेंसी बैंकों द्वारा प्राप्ति एवं भुगतान की जानकारी भौतिक रूप
से कोषालय को प्रदान की जाती थी, जो भारतीय रिजर्व बैंक
और महालेखाकार को प्रेषित की जाती थी। इसमें आकड़ों की भिन्नता की कई समस्याएँ थीं।
ई-कुबेर के आने से भारतीय रिजर्व बैंक से सीधे संव्यवहार होंगे और वित्तीय लेन-देन
के आकड़ों के मिलान की समस्या समाप्त होगी।
एकीकृत वित्तीय प्रबंधन
सूचना प्रणाली (आईएफएमआईएस) में ई-साईन का उपयोग- एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना
प्रणाली (आईएफएमआईएस) अंतर्गत अब आहरण एवं संवितरण अधिकारी एवं कोषालय अधिकारी
द्वारा बिल ई-साईन (ई-साईन) करके पास किये जा रहे हैं। महालेखाकार की अनुशंसा
अनुसार आईएफएमआईएस में प्रमाणीकरण व डाटा सुरक्षित करने के उद्देश्य से ई-साईन
प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। अब कोषालय द्वारा महालेखाकार को मासिक लेखा ई-साईन
करके डिजिटली प्रेषित किया जा रहा है। इस व्यवस्था से आईएफएमआईएस में दस्तावेजों
का ई-प्रमाणीकरण संभव होगा। ई-साईन की सुविधा प्रारम्भ होने से आहरण संवितरण
अधिकारी (डीडीओ) कार्यालय को पेपरलेस करने में आसानी हुई है।
आईएफएमआईएस नेक्स्ट-जनरेशन का विकास - प्रगति की इसी दिशा में देश की डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में प्रदेश के योगदान के रूप में और अधिक नवीन पहलू जोड़े जाने आवश्यक हैं। वर्तमान एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएफएमआईएस) के स्थान पर आधुनिक तकनीकी नवाचारों को शामिल करते हुए फेसलैस, पेपरलैस एवं कॉन्टेडक्टलैस वित्तीय संव्यवहारों को लागू करने तथा यूजर फ्रेंडली सिस्टम को विकसित करने के उद्देश्य से आईएफएमआईएस नेक्स्ट जन का विकास किया जा रहा है।
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