रेवांचल टाईम्स - यूं तो पौष माह में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते हैं और न ही हिंदू धर्म के मानने वाले लोग किसी भी प्रकार की नई खरीदी जैसे चल-अचल संपत्ति नहीं खरीदते हैं पर इस माह में मौसम का मिजाज अत्यधिक ठंडक बाबा होता है जनवरी के इस महीने में तापमान में काफी गिरावट हो जाती है जिसके कारण से शीतदहर चलते लगती है। हालांकि जनवरी में तापमान का जो आंकड़ा रहता है वह बहुत नीचे गिर जाता है सुबह कोहरा छाया रहता है जिससे दूर तक दिखाई नहीं देता है जिस वजह से वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। भारत वर्ष के उत्तरी पूर्वी हवाओ के कारण बर्फबारी होने के कारण मध्य भारत में कोहरा छाया है कोहरे की वजह से सुबह के वक्त मौसम बादलों जैसा रहता है हालांकि अभी न तो बादल हैं पर मौसम शुष्क है। नये साल के पहले दिन तापमात में गिरावट दर्ज की गई वहीं रात के तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज हुई '3 जनवरी को रात का तापमान 10 डिग्री और दिन का तापमान 20 डिग्री दर्ज किया गया मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले समय में रात के तापमान में और गिरावट आ सकती है दिन में तेज धूप होने का असर हो पर पड़ेगा इसलिये फसलों की बेहतरी के किये मौसम में ठंडक होना आवश्यक है। वर्तमान में उत्तरी-पूर्वी हवाएं चल रही है जिससे शीतलहर का असर दिखाई दे रहा है।
वही शीतलहर के चलते मंडला के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एडवाइजरी जारी कर लोगों से अपील की है कि वो गर्म कपड़े पहनें तथा आवश्यक हो तभी घर से निकले एवं रूम हीटरों व आगळा सहारा के तथा अपने छोटे बच्चों को भी शीतलहर से बचाने का ध्यान रखै। वहीं नगरपालिका प्रशासन के द्वारा लोगों ने मांग की है कि नगरपालिका के द्वारा ठंड से बचने के लिये जो बजगह - जगह अचार की व्यवस्था की गई है वह कम है इन अषावों की व्यवस्था और ज्यादा से ज्यादा की जाये साथ ही साथ लोगों का कहना है कि महाराजपुर स्थित संगमघाट में लोग दूर-दूर से अस्थियां विसर्जन करते नर्मदा तट पर पहुँचते हैं व स्नान करते हैं इसके साथ ही नर्मदा परिक्रमा करने वाले यात्रियों की भी संख्या काफी होती है जहाँ पर अलाय की ज्यादा से ज्यादा व्यवस्था की मांग की है। जिससे लोगों को कड़कड़ाती ठंड में आग का सहारा मिल सके।
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