रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मण्डला में तो कानून कुछ तरह का हो गया है कि अंधे पीसे और कुत्ते खाये इस जिले में कोई नियम कोईं लागू नही होते है इस जिले में केवल जिसकी लाठी उसकी भैस कुछ इसी तरह के जनप्रतिनिधि है और जिला प्रशासन है जहाँ पर कोई मीडिया कुछ भी अपने समाचारों के माध्यम से अवगत कराए इन्हें कोई फर्क नही पड़ता है जब मीडिया की सुर्खी से इनके कानों में जू तक नही रेग रही हैं तो समझे कि एक गरीब के साथ क्या क्या होता होगा और कौन इनकी सुनता होगा क्या न्याय मिलता होगा ये अनुमान लगाया जा सकता जहाँ भ्रस्ट और भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा में पर किसी जिम्मेदार को नजर नही आ रहा इस जिले में अधिकारी कर्मचारी बेलगाम हो चुके है।
वही जानकारी के अनुसार निवास नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाली कांजी हाउस से नगर और आसपास के किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है देखने में आया है कि यहां पर आवारा पशुओं के द्वारा लोगो का नुकसान कर रहे है और सड़कों में जगह जगह झुंड लगाकर बैठे खड़े आसानी से नजर आ रहे जिनके कारण आये दिन दुर्घटनाये घट रही है पर किसको क्या किसी की हिम्मत नही पड़ रही कि जहाँ जनवरों को बंद रखना चाहिए उस जगह पर एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने अपना कब्जा जमा रखा हुआ है। काज़ी हाउस किसानों द्वारा खाली कराये जाने की माँग कर रहे है मगर यहां पदस्थ कर्मचारी की गैर मौजूदगी में उनके परिजनों के द्वारा आवारा मवेशियों को छोड़ दिया जाता है आवारा मवेशी इन दिनों किसानों की फसल को चौपट कर रहे हैं उसके बाद भी नगर परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुप बैठे हुए हैं अनेकों किसानों ने रेवांचल टाईम्स टीम जब निवास दौरे पर रही तो किसानों ने बताया कि उनके द्वारा कांजी हाउस में आवारा मवेशी बंद कराए जाते हैं मगर यहां से उनको वापस छोड़ दिया जाता है इस बात को लेकर अनेकों किसान सीएमओ निवास और पुलिस थाना निवास में इसकी लिखित सूचना देने की तैयारी कर रहे हैं वही किसानों का कहना है कि ऐसे कर्मचारी को यहां क्यों रखा गया है जिसे किसानों की समस्या का अंदेशा ही नहीं है विगत दिनों कुछ किसान आवारा मवेशी लेकर कांजी हाउस पहुंचे तो वहां देखा गया कि बाहर से गेट में ताला लगा हुआ था यहां पदस्थ कर्मचारी अपने परिवार के साथ कहीं बाहर गए हुए थे जिसके कारण वह मवेशियों को बंद नहीं करवा पाए वही किसानों ने बताया कि यहां पदस्थ कर्मचारी के घर वालों को कभी गोबर महकता है तो कभी ये बोला जाता है कि मवेशियों को खिलाने के लिए कुछ नही है जिसके कारण किसान परेशान है और वह काजी हाउस खाली कराने की मांग कर रहे है ।
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