आजीविका मिशन से आत्मनिर्भर बन रहे ग्रामीण
मंडला 4 जनवरी 2023
ग्राम तबलपानी, विकासखंड
घुघरी निवासी लौंगवती पन्द्रे का जीवन आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद काफी बदल गया
है। लौंगवती जय बड़ादेव आजीविका स्व-सहायता समूह से जुड़ी है और बताती हैं कि मैं
बहुत गरीब परिवार से हूं। मेरा परिवार मजदूरी पर निर्भर है। मध्यप्रदेश दीनदयाल
अंत्योदय योजना के अंतर्गत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रारंभ होने पर मैं सन् 2012 से समूह से जुड़ी और छोटी-छोटी बचत करना प्रारंभ किया। समूह से मुझे समय-समय
पर ऋण भी मिल जाता है। मैंने समूह से मिले पहले ऋण से कृषि का कार्य किया। बाद में
50 हजार का ऋण लेकर सेंट्रिग का कार्य शुरू किया। सेंट्रिग के
कार्य ने मेरे जीवन को बड़ा सहारा दिया। इस कार्य से मुझे अब 10 हजार रूपए मासिक आय तक प्राप्त हो जाती है।
लौंगवती बताती है कि अब मैं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन गई
हूं। परिवार का गुजारा अच्छे से हो जाता है। आजीविका मिशन ने मुझे और मेरे परिवार
का जीवन स्तर बेहतर किया है। मेरे बच्चों का पालन-पोषण भी बेहतर हो रहा है।
सेंट्रिग के कार्य के साथ-साथ अब मैं राजमिस्त्री का काम भी सीख रही हूं। मैं और
मेरा परिवार पहले की तुलना में अच्छा जीवन बिता रहा है।
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