खनिज रेत गिट्टी सड़कों पर गिरने से बढ़ रहा है प्रदूषण, लोगों को हो रही परेशानियों का जिम्मेदार कौन
रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहूल्य जिला मंडला जो कि प्रकृति से भरपूर और अकूत खनिज संपदा से लबरेज मंडला तहसील के के लोगों के लिए उद्योग क्षेत्र से खनिज लाद कर गुजरने वाले वाहन मुसीबत का कारण बन गए हैं। एक तरफ खनिज से ओवरलोडेड वाहनों से गिरने वाले मेटेरियल की वजह से क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ गया है, वहीं सडकों को दम निकलता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए ये खदानें वरदान साबित होंगी, विकास की रफ्तार बढ़ेगी। और युवाओं को रोजगार मिलेगा लेकिन मिनिरल औद्योगिक इकाईयां लगने से ये खदानें क्षेत्र के लिए अभिशाप साबित हो। रही हैं। क्षेत्र के विकास की बात तो दूर खनिज क्षेत्र में मिनरल प्लांट के ओवरलोड वाहनों ने गोसलपुर सहित हिरदेनगर, धरमपुरा, पौडी, सिलुवा, टिकरिया, देवनगर, किवलारी, घुटना, भदम, धीराकोनी, कछपुरा बस्ती के लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।
यमदूत की तरह दौड़ रहे वाहन
क्षेत्रवासियों का कहना है कि क्षमता से अधिक भार लेकर ये वाहन यमदूत की तरह दौड़ते हैं। इनसे न केवल ये सड़क दुर्घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं बल्कि पहाड़ जैसे लदे खनिज संपदा के रास्ते में उड़ने एवं गिरने से लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि खनिज लोड कर परिवहन कर रहे वाहनों को खनिज ढोककर परिवहन करने के स्पष्ट निर्देशों को दरकिनार करते हुए भारी वाहन बरती के बीच रास्ते में खनिज गिराते हुए जाते हैं जिससे आए दिन दो पहिया वाहन चालक गिर कर लहूलुहान हो रहे हैं। वहीं डस्ट उड़ने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि क्षमता से कई गुना अधिक भार लेकर सड़कों पर बेलगाम गति से भागते वाहनों के कारण क्षेत्र की सडकें समय से पहले बर्बाद हो रही हैं। खनिज परिवहन में संलग्न ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन की चुप्पी प्लांट संचालकों से मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाते हुए प्लांट संचालकों को ढांककर खनिज परिवहन हेतु निर्देशित करने करने की मांग की है।
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